नई दिल्ली ँ: सीएनटी, एसपीटी एक्ट में संसोदन के अध्यादेस को वापस लेने, स्थानीय नीति में संसोधन करने और जमाबंदी के आदेश के खिलाफ आदिवासी संघर्ष मोरचा और जमाबंदी के आदेस के खिलाफ झारखंड आदिवादी संघर्ष मोरचा के नेतृत्व में शनिवार को मोरहाबादी मैदान में आक्रोश रैली का आयोजान किया गया. आंक्रोश रैली में भाग लेने आ रहे ग्रामीणों की शनिवार को खूंटी के मुरहु थाना क्षेत्र स्थित सोयको में पुलिस के साथ झड़प हो गई, पुलिस फायरिंग में ग्रामीण अब्राहम मुंडा की मौत होो गयी. साथ 6 ग्राणीण गंभीर रुप से घायल हो गए . सभी को रिम्स में भरती कराया गया है. घायलों में सोयको निवासी निरी पूर्ति (22), बारगी गांव निवासी शनि पूर्ति (35), सुगना मुंडरी (40), कोले मुंडा (40), रसबल मुंडू (45) और कूड़ापूर्ति गांव निवासी सुगना मुंडरी शामिल हैं. झड़प में डीएसपी मुख्यालय विजय आनंद का हाथ टूट गया. उनके बॉडीगार्ड नागेंद्र शर्मा का सिर फट गया है. पांच अन्य पुलिसकर्मियों को भी चोटें आयी हैं.
घटना के बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मृतक के परिजन को दो लाख और घायलों को एक-एक लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की. और कहा कि मेरे मुख्यमंत्री रहते कोई भी आदिवासियों की जमीन नहीं छीन सकता. अब तक झारखंड में पैसे से सरकार बनाने व बेचने का खेल चलता था. सरकार पूंजीपति चलाते थे. अकूत संपत्ति जमा करनेवाले ही हम पर सवाल उठा रहे हैं. मैं अपनी संपत्ति की जांच सीबीआइ से कराने को तैयार हूं. मुझ पर सवाल उठानेवालों में हिम्मत है, तो वे भी अपनी संपत्ति की जांच सीबीआइ से करायें. जो भ्रष्ट होते हैं, वे अंदर से ध्वस्त होते हैं. राज्य के भ्रष्ट राजनेता विकास नहीं चाहते. जनता अब जागरूक है और उनकी दुकानदारी बंद हो रही. मैं खुद गरीब परिवार से आया हूं. मै गरीबों का दर्द और परेशानी समझता हूं. हमारी सरकार का एक ही लक्ष्य है झारखंड से गरीबी को जड़ से मिटाना। इसमें सभी लोगों की भागीदारी जरूरी है.