नई दिल्लीः अखिलेश यादव ने विधानमंडल दल की बैठक में शिवपाल यादव सहित पांच मंत्रियों को बाहर निकाला तो शिवपाल यादव ने तुरंत रिएक्शन कराया है। मुलायम सिंह यादव से घर पर जाकर मुलाकात की और रामगोपाल को पूरे विवाद की जड़ कहते हुए भाजपा का एजेंट बताया। बतौर प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल की सिफारिश पर राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने रामगोपाल यादव को बाहर निकाल दिया। इस कदम के बाद समाजवादी यादव कुनबे की रार और गहरा गई है।
क्या कहा शिवपाल ने
शिवपाल यादव ने कहा कि प्रो. रामगोपाल तीन भार भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं से मिले। हमेशा उनका रुख पार्टी में तानाशाही वाला रहा। भाजपा एजेंट के रूप में काम करने से समाजवादी पार्टी कमजोर हो रही थी। इस नाते राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने बाहर कर दिया।
लेटर लिखने के मामले ने पकड़ा तूल
दरअसल राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल ने मुलायम सिंह यादव को एक पत्र लिखा था। कहा था कि अखिलेश यादव के नेतृत्व में ही समाजवादी पार्टी की सरकार बन सकती है। मगर पार्टी के कुछ नेता खाने-कमाने में लगे हैं। उन्होंने लेटर में लिखा था कि अखिलेश का विरोध करने वालों का विधानसभा में जाने का ख्वाब पूरा नहीं होगा। इस पत्र ने तूल पकड़ा और जब दिन में अखिलेश यादव ने शिवपाल सहित पांच मंत्रियों को बर्खास्त किया तो शिवपाल ने मुलायम के घर पर दस्तक देकर रामगोपाल को जिम्मेदार बताते हुए कार्रवाई की मांग की। जिस पर मुलायम सिंह ने शिवपाल के कहने पर कार्रवाई कर दी।