नई दिल्ली : डिफ़ेन्स इनफार्मेशन लीक करने में अकेले पड़ते आ रहे वरुण गाँधी ने आज एक पत्र जारी कर अपनी सफाई पेश की है। वरुण गाँधी का कहना है कि 'आरोप हास्यास्पद हैं और अगर इनमें 1% भी सच्चाई हुई तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। इस बात के जरा भी सबूत नहीं हैं कि मैंने वर्मा से सेंसिटिव इन्फॉर्मेशन शेयर की थी।' वहीँ इस मामले में बीजेपी की ओर से वरुण गाँधी को कोई साथ मिलता नही दिखाई दे रहा है।
सूत्रों के अनुसार पार्टी ने अपने प्रवक्ताओं को भी साफ़ निर्देश दिए है कि वह इस मामले में कोई बचाव वरुण गाँधी का न करें। बीजेपी में कई ऐसे नेता भी हैं जो चाहते हैं कि इस मामले में वरुण गाँधी पर कार्रवाई होनी चाहिए। बीजेपी के इलाहबाद सांसद श्यामचरण गुप्ता इनमे से एक हैं हालाँकि सांसद श्यामचरण गुप्ता और वरुण गांधी के बीच पिछले साल से ही विवाद चल रहा था।
वरुण गाँधी से पार्टी के किनारा करने की वजह उनकी पार्टी लाइन से अलग की रणनीति भी रही है, कई मौकों पर वरुण गाँधी ने बीजेपी के कई नेताओं पर निशाना साधा। कुछ दिन पहले उन्होंने राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के एक अख़बार से विवाद के मामले में उनपर निशाना साधा। वरुण गाँधी ने कहा था कि किसी बड़े अख़बार के विज्ञापन पर रोक लगाना सही नहीं है। वरुण गाँधी ने कहा मैंने सुना है कई प्रदेशों की सरकारें अपने लिखने वालों को विज्ञापन नहीं देती हैं। उन्होंने कहा मैंने सुना है कि एक बड़े अख़बार के साथ ऐसा ही हुआ, जो कि सरासर गलत है।
प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव द्वारा वरुण गाँधी के नाम का खुलासा डिफेन्स इनफार्मेशन लीक करने के मामले में करने के एक दिन पहले वरुण गाँधी यूपी के अपने संसदीय क्षेत्र सुल्तानपुर में थे। वहां वरुण गाँधी ने कहा कि उन्होंने हालही में साढ़े तीन हजार किसानों को कर्ज मुक्त करवाया है। वरुण गाँधी ने कहा कि वह धर्म जाति की राजनीति से ऊब चुके हैं।
यानी वरुण गाँधी उत्तरप्रदेश में एक ऐसी जमीन तैयार कर रहे थे जो उन्हें बीजेपी से इतर ताकत दिला रही थी और कहा तो यह भी जा रहा है कि वह आगामी यूपी चुनाव में बीजेपी की ओर से सीएम के प्रबल दावेदार हैं। लेकिन जिस तरह वरुण गाँधी पर ये सनसनीखेज खुलासा हुआ उसने कहीं न कही बीजेपी को बड़ी रहत दे दी है।