एम्बिक आयुर्वेद की स्थापना आयुर्वेद सभी के लिए लक्ष्य के साथ की गई थी। इसके पीछे प्रमुख उद्देश्य स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करना तथा रोगी व्यक्ति के रोग को ख़त्म करना है।
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दूषित जीवन शैली तथा खानपान के कारणवर्तमान में किडनी की समस्याओं वाले लोगों की संख्या बढती जा रही है। यदि कोईव्यक्ति धुम्रपान करता है, मोटापे का शिकार हैया उच्च रक्तचाप से ग्रसित है तो ऐसे व्यक्ति को अपने गुर्दों की जांच अवश्य करालेनी चा
गर्मी के मौसम में पेट तथा पाचन संबंधीअनेक समस्याएं तेजी से बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्यों की इस मौसम में हमारीजीवन शैली तथा खानपान की आदतें बदल जाती हैं। इस मौसम में बढती गर्मी के कारण शरीरसे अधिक पसीना आने लगता है तथा साथ ही हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी घटने लगतीहै। इस कारण से किसी भी अन्य मौ
गिलोय आयुर्वेद की एक General Wellness औषधी है। जिसकासेवन हर उम्र का व्यक्ति कर सकता है। वर्तमान समय में जो लोग कोरोना वायरस जैसीगंभीर समस्या से बचाव चाहते हैं, उनको नियमित तौर परगिलोय का सेवन अवश्य करना चाहिए। गिलोय बेल के रूप में पाई जाती है और इसका आकारपान के पत्ते की तरह होता है। 6 वर्ष से 18 वर्
स्वस्थ शरीर के लिए ह्रदय का भी स्वस्थहोना अत्यंत महत्वपूर्ण है। ह्रदय के संबंध में किसी प्रकार की लापहरवाही नहींकरनी चाहिए। वर्तमान समय में अनियमित तथा दूषित आहार के कारण महज 30 से 40 वर्षमें ही लोग तेजी से ह्रदय रोगों का शिकार होते जा रहें हैं। यह समस्या इतनी बढ़ रहीहै की आज प्रत्येक परिवार में कोई
स्त्री पुरुष के रिश्ते के कमजोर पड़ने केपीछे हालांकि कई कारण होते हैं लेकिन यौन समस्याएं भी इन्हीं कारणों में से एकहैं। कई बार पुरुषों की यौन समस्याएं उनको पार्टनर के सामने शर्मिंदा करा देतीहैं। अतः सही समय पर इन समस्याओं का सही उपचार होना बहुत आवश्यक होता है। पुरुषोंमें कई प्रकार की यौन समस्याएं होत
बीतें कुछ वर्षों में किडनी से जुड़ीबीमारियों से होने वाली मौतों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। इसके बावजूद भीलोग किडनी से जुड़ी समस्याओं के लक्षणों को समझ नहीं पाते हैं और डॉक्टर के पास जबपहुचतें हैं तब तक समस्या काफी बढ़ चुकी होती है। किडनी हमारे शरीर की सफाई के लिएअत्यंत आवश्यक होती है। यह शरीर की
मधुमेह की समस्या वर्तमान में बहुत तेजीसे बढ़ती जा रही है। मधुमेह से ग्रस्त व्यक्ति को अपने खानपान का ध्यान हमेशा रखनाहोता है। इस कारण भी मधुमेह की समस्या से ग्रसित रोगी हमेशा परेशान रहता ही है। यहएक ऐसी बिमारी है, जो यदि किसी को हो जाए तो उसका पीछाजीवनभर नहीं छोड़ती है। इस कारण ही इस बिमारी को गंभीर ब
किसी भी महिला के आकर्षक व्यक्तित्व मेंउसके स्तन भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सुडौल स्तनों को महिलाओं की सुंदरताके लिए परिभाषित किया जाता है। देखा जाए तो प्रत्येक महिला सुंदर तथा सुडौल स्तनचाहती है लेकिन बहुत सी महिलाओं के स्तनों का आकार पर्याप्त नहीं होता है। इस कारणवे हीन भावना से भी ग्रसित हो
महिलाओं में कमजोरी एक आम समस्या है।महिलाओं की शारीरिक संरचना पुरुषों से भिन्न होती है इसलिए महिलाओं में कमजोरी भीअलग कारणों से होती है। महिलाओं को प्रति माह मासिक धर्म का सामना करना होता हैतथा बच्चे को भी जन्म देना पड़ता है अत: यह माना जाता है की ये चीजें भी WomenWellness को काफी प्रभावित करती हैं। म
रोग प्रतिरोधक क्षमता कई प्रकार कीबीमारियों से हमें बचाती है। कई प्रकार की छोटी मोटी बीमारियां इस प्रकार की होतीहैं, जिनसे हमारा शरीर खुद ही निपट लेता है। रोगप्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने से हमारे शरीर पर बीमारियों का असर अधिक मात्रामें होने लगता है। इस प्रकार हम जल्दी जल्दी बीमार होने लगते हैं तथा
महिलाओं के लिए मां बनना किसी वरदान जैसाहोता है। लेकिन सामान्य महिला से मां बनने का यह सफ़र काफी मुश्किल होता है।गर्भावस्था में महिलाओं को कई प्रकार की शारीरिक तथा मानसिक समस्याओं का सामनाकरना होता है। यदि इस अवस्था में आयुर्वेदिक उपचार लिया जाए तो GynecologicalDisorders में अत्यंत लाभ प्राप्त होता है
वर्तमान समय में वातावरण में प्रदूषणलगातार बढ़ता जा रहा है। वायु तथा मिट्टी में हानिकारक तत्वों की मात्रा काफीज्यादा बढ़ चुकी है। इसीलिए ही Respiratory Tract सेसंबंधित रोग काफी तेजी से बढ़ते जा रहें हैं। प्रदूषित वातावरण में श्वास फूलने याअस्थमा कि समस्या लोगों में बढ़ती जा रही है। प्रदूषित वातावरण के अल
उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन से आज के समयमें बहुत बड़ी संख्या में लोग ग्रसित हैं। रक्त प्रवाह के कारण नसों की दीवारों परदबाव पड़ता है। यह स्थिति ही उच्च रक्तचाप कहलाती है। यह आमतौर से इस बात पर निर्भरकरता है की मानव का ह्रदय कितनी गति से रक्त को पंप कर रहा है। इस समस्या के कारणभारत में प्रतिवर्ष करीब ढा
महिलाओं में होने वालील्यूकोरिया की समस्या एक आम समस्या है। यह अधिकतर महिलाओं या युवतियों को प्रभावितकरती है। ल्यूकोरिया को श्वेत प्रदर या सफ़ेद पानी की समस्या भी कहा जाता है। यहसमस्या अलग अलग कारणों से उत्पन्न होती है। अनियमित खानपान, बदलती जीवन शैली इस समस्याके प्रमुख कारण हैं। ल्यूकोरिया की समस्या
वर्तमान समय में कोरोनावायरस से ग्रसित लोगों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है। आलम यह है कीसामान्य सर्दी बुखार से भी लोग घबरा रहें हैं। असल में इस घबराहट की सही वजहकोरोना वायरस के लिए लोगों की जागरूकता न होना ही है। ऐसे में यह बहुत आवश्यक हैकी लोगों को सामान्य सर्दी बुखार हो जाने से होने वाल
सोरायसिस एक स्किन संबंधीबीमारी है, जिसेस्किन का अस्थमा भी कहा जाता है। इसमें स्किन सेल्स काफी तेजी से बढ़ते हैं।वर्तमान समय में सोरायसिस की समस्या से दुनियाभर की तीन फीसदी आबादी यानि करीब 12.50 करोड़ लोग प्रभावित हैं।विशेषज्ञों के अनुसार मानव शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली में अनियमितता होने केकारण स
त्वचा शरीर का सबसे कोमलहिस्सा होता है। शरीर के अंदरूनी हिस्से की तुलना में स्किन सीधे बाहरी वातावरण केसंपर्क में रहती है। जिसके चलते बाहर की धूप, धूल, मिट्टी गंदगी, प्रदूषण, बाहरी वातावरण में मौजूद बैक्टीरिया आदि सभी त्वचाको प्रभावित करते हैं। वर्तमान समय के खानपान तथा वातावरण के लगातार दूषित होने क
हमारे शरीर को मिलने वालेसभी पोषक तत्व हम भोजन से ग्रहण करते हैं। भोजन हम उस समय ही करते हैं, जब हमें भूख लगती है।लेकिन क्या आपने विचार किया है की यदि आपको भूख ही न लगे तो क्या हो सकता है। भोजनग्रहण न करने के कारण आपके शरीर को आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिलेंगे, जिसके कारण कई प्रकार कीसमस्याएं पैदा हो सकत
कब्ज यानी पेट का पूरी तरहसाफ नहीं होना। इसमें मल निष्कासन में परेशानी होती है या वह थोड़ी-थोड़ी मात्रामें निकलता है। नतीजन, मरीज को दिनभर असहज महसूस होता है। इतना ही नहीं, लंबे समय तक यह स्थिति बनीरहे तो शरीर में कई बीमारियां घर कर सकती हैं। कब्ज की समस्या आजकल बेहद आम हो गईहै। ज्यादातर लोग कब्ज की
वैसे तो प्रत्येक व्यक्तिकी यौन कामेच्छा अलग अलग होती है परंतु कभी कभी कम कामेच्छा या उत्तेजना की कमीवैवाहिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव भी डालती है। विशेषज्ञों के अनुसार स्वस्थवैवाहिक जीवन के लिए स्वस्थ यौन संबंध आवश्यक होते हैं लेकिन वर्तमान समय मेंपुरुषों की कामेच्छा कमी लगातार बढ़ती जा रही है। इस कार
यदि माता पिता की लंबाईसही होते हुए बच्चों की लंबाई में कमी है तो इसका मतलब बच्चों के आहार में पोषकतत्वों की कमी हो सकता है। पोषक तत्वों की कमी न सिर्फ शरीर की लंबाई बल्कि पूरेशरीर शरीर के विकास को प्रभावित करती है। दरअसल हमारा शरीर कभी कभी ग्रोथ हार्मोनकी कम मात्रा को रिलीज करता है, इसका प्रभाव व्यक
वर्तमान समय में दुनिया केआधे से भी अधिक देश कोरोना वायरस (कोविड 19) से प्रभावित हैं। हमारे देश भारत में भी इस वायरससे संक्रमित लोगों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। देखा जा रहा है की जिनलोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है, वे इसके श
फेफड़े हमारे शरीर कामहत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं, जिनके कारण ही मानव शुद्ध तथा साफ़ वायु को सांस के रूप में लेताहै। फेफड़ो का मुख्य कार्य सांस व भीतर की दूषित वायु को साफ़ करना होता है, जिसके बाद वह रक्त मेंऑक्सीजन के रूप में मिलती है। लेकिन दूषित वायु के बीच सांस लेने से जब वायु केदूषित कण नाक तथा मुंह क
पेट का पूरी तरह साफ नहीं होना ही कब्ज की बिमारी का प्रमुख कारण है। कब्ज की समस्या से ग्रस्त रोगी को मल निष्कासन में परेशानी होती है या वह थोड़ी-थोड़ी मात्रा में निकलता है। इस प्रकार पेट सही से साफ़ नहीं हो पाता तथा रोगी को दिनभर असहज महसूस होता है। लंबे समय तक यदि कब्ज की समस्या बनी रहने से शरीर में
रोग प्रतिरोधक क्षमता हमारे शरीर के लिए सुरक्षा कवच का कार्य करती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने पर ही हम जल्दी बीमार हो जाते हैं। अतः यदि बीमार होने से बचना है तो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखना अत्यंत आवश्यक है। मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता ही कई प्रकार के बैक्टीरियल संक्रमण से हमारे शरीर को
स्त्री पुरुष के रिश्ते के कमजोर पड़ने के पीछे हालांकि कई कारण होते हैं लेकिन यौन समस्याएं भी इन्हीं कारणों में से एक हैं। कई बार पुरुषों की यौन समस्याएं उनको पार्टनर के सामने शर्मिंदा करा देती हैं। अतः सही समय पर इन समस्याओं का सही उपचार होना बहुत आवश्यक होता है। पुरुषों में कई प्रकार की यौन समस्याएं
आज के समय में पाचन संबंधी अनेक समस्याएं तेजी से बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्यों की जीवन शैली तथा खानपान की आदतें स्वास्थ्य के प्रतिकूल हो चुकी हैं। बड़ों से साथ-साथ युवा वर्ग भी इसकी चपेट में तेजी से आ रहा है। हर दूसरा व्यक्ति आए दिन पाचन की समस्या का सामना कर रहा है। आज की जीवनशैली और अनियमित ख
महिलाओं के जीवन में मां बनना सबसे बड़ा सुख माना जाता है लेकिन आजकल की आधुनिक जीवनशैली और अन्य कारणों की वजह से अब महिलाओं में बांझपन यानि इनफर्टिलिटी की समस्या बढ़ रही है। नपुंसकता की समस्या सिर्फ पुरुषों में ही नहीं होती बल्कि महिलाओं में भी होती है। महिला नपुंसकता की इस समस्या को समान्यतः बांझपन
स्वस्थ जीवन के लिए ह्रदय का भी स्वस्थ होना अत्यंत आवश्यक है। ह्रदय संबंधी समस्याओं में किसी प्रकार की लापहरवाही करना खतरे को और भी बढ़ा सकता है, अतः इस प्रकार की समस्याओं का उपचार तुरंत प्रारंभ कर देना चाहिए। वर्तमान समय में महज 30 से 40 वर्ष में ही लोग तेजी से ह्रदय र
वर्तमान समय में दूषित खानपान के कारण पथरी की समस्या काफी देखने को मिल रही है। किडनी में पथरी होना यूरीन सिस्टम का रोग है। इस समस्या में मूत्र पथ या किडनी के अंदर छोटे छोटे पत्थर बन जाते हैं। मूत्र मार्ग में पथरी उसको ब्लाक कर देती है, जिसके कारण गुर्दे में मूत्र जमा हो जाता है। पथरी असल में खनिजों त
महिलाओं के स्तन उनके सौंदर्य तथा आकर्षक को बढ़ाते हैं। जिन महिलाओं के स्तन सुडौल होते हैं, उनकी खूबसूरती अलग ही दिखाई पड़ती है। प्रत्येक महिला सुंदर तथा सुडौल स्तन चाहती है लेकिन बहुत से कारणों के चलते कई महिलाओं के स्तनों को सही तथा पर्याप्त आकार नहीं मिल पाता है। इस कारण वे कई बार हीन भावना से भी ग्
त्वचा से सम्बंधित समस्याएं जैसे मुंहासे, चक्कते, रूखी त्वचा आदि देखने में भले ही आम समस्याएं लगें लेकिन कई बार यह गंभीर रोगों का संकेत भी हो सकती हैं। वर्तमान समय में धूल, धूप तथा प्रदूषण त्वचा संबंधी समस्याओं के सबसे बड़े कारण माने जाते हैं। आज के समय में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसके
यौन क्रिया महज एक क्रिया ही नहीं है वरन यह एक ऐसी जटिल प्रक्रिया से संचालित होती है, जिसका अंदाजा लगाना सरल नहीं है। कभी-कभी लोग किसी तस्वीर को देखकर ही उत्तेजित हो जाते हैं। पुरुषों के गुप्तांग में उत्तेजना खत्म हो जाने को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन या नपुंसकता कहते हैं। इरेक्शन (स्तंभन) यौन क्रिया के पू
पेट से सम्बंधित समस्याएं वर्तमान समय में काफी बढ़ती जा रहीं हैं। विशेषज्ञों के अनुसार आज के लोगों की जीवन शैली तथा खानपान की आदतें स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी प्रतिकूल हो चुकी हैं, इस कारण ही पाचन तंत्र संबंधी समस्याएं बढ़ती जा रहीं हैं। गर्मी का मौसम आते ही इस प्रकार की समस्याएं और भी ज्यादा तेजी से
वर्तमान समय में महिलाएं भी काफी समस्याओं से ग्रसित हैं। हालांकि उनकी समस्याएं पुरुषों की अपेक्षा कुछ अलग होती हैं। महिलाओं की समस्याओं में उनके अनेक रोग तथा बीमारियां आती हैं। यहां हम महिलाओं के यौन रोगों के बारे में जानकारी प्रदान कर रहें हैं। आइये जानते हैं महिलाओं में होने वाली यौन समस्याओं के का
पाचन संबंधी समस्याएं सभी प्रकार के आयु वर्ग में आमतौर पर पाई जाने वाली समस्याएं हैं। आज के समय में जीवन शैली संबंधी समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। एसिडिटी, गैस, बदहज्मी इत्यादि जैसी पाचन संबंधी समस्याएं लगातार लोगों में बढ़ती जा रही हैं। लापरवाह जीवन शैली, भाग-दौड़ वाली जिंदगी और बेवक्त और अस्वस्थ ख
वर्तमान समय की भागदौड़ भरे जीवन में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) महिलाओं की आम समस्या बन चुकी है। अस्वच्छ शैचालयों का उपयोग करना इस समस्या का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। आज के समय में हर दूसरी नौकरी पेशा महिला इस समस्या से ग्रस्त है। हालांकि यह रोग ज्यादा गंभीर नहीं है लेकिन यदि समय पर ध्यान न द