रोग प्रतिरोधक क्षमता हमारे शरीर के लिए सुरक्षा कवच का कार्य करती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने पर ही हम जल्दी बीमार हो जाते हैं। अतः यदि बीमार होने से बचना है तो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखना अत्यंत आवश्यक है। मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता ही कई प्रकार के बैक्टीरियल संक्रमण से हमारे शरीर को सुरक्षित रखती है। इस प्रकार से यह स्पष्ट हो जाता है की रोग प्रतिरोधक क्षमता का स्तर कम होने पर हमारे बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कई कारणों से कम होती है। सही खानपान न होने या नशे की आदत के कारण भी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। इसके अलावा कुछ लोगों में यह जन्मजात ही कम पाई जाती है। जिस व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है, वह मामूली वातावरण परिवर्तन में भी बीमार हो जाता है। जब किसी व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है तो उसके असर को हम सर्दी-गर्मी, फ्लू, खांसी तथा ज्वर जैसी समस्याओं के रूप में देख सकते हैं। जो व्यक्ति जल्दी जल्दी बीमार हो जाते हैं, उनको समझना चाहिए की उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है और उसको मजबूत करने की आवश्यकता है। आयुर्वेद में इस प्रकार की कई औषधियां हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में अत्यंत लाभकारी है। इन सभी औषधियों में गिलोय सभी से अच्छा माना जाता है क्यों की गिलोय का सेवन मानव शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को जल्दी ही बढ़ा देता है। आयुर्वेद में गिलोय की काफी प्रशंसा की गई है तथा इसके गुणों के कारण ही इसको "अमृता" नाम दिया गया है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर करने वाले मुख्य कारण - 1 - जंक फ़ूड या फ़ास्ट फ़ूड का अत्यधिक सेवन। 2 - प्रदूषित वातावरण में निवास करना। 3 - नशे की वस्तुओं का सेवन करना। 4 - दर्द निवारक दवाओं का अधिक सेवन। 5 - श्रम का आभाव होना। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है गिलोय अर्क -