वर्तमान समय में दूषित खानपान के कारण पथरी की समस्या काफी देखने को मिल रही है। किडनी में पथरी होना यूरीन सिस्टम का रोग है। इस समस्या में मूत्र पथ या किडनी के अंदर छोटे छोटे पत्थर बन जाते हैं। मूत्र मार्ग में पथरी उसको ब्लाक कर देती है, जिसके कारण गुर्दे में मूत्र जमा हो जाता है। पथरी असल में खनिजों तथा नमक का संग्रह होती है। मोटापा और डिहाइड्रेशन किडनी में पथरी होने के दो सबसे बड़े कारण माने जाते हैं। किडनी में पथरी के टुकड़े पहली अवस्था में छोटे छोटे होते हैं लेकिन जब ये बड़े हो जाते हैं तो किडनी या यूरिनरी सिस्टम में इनके मूवमेंट के कारण रोगी को भारी दर्द तथा बार बार उल्टी आने जैसी कई समस्याएं होने लगती हैं। किडनी में पथरी होने के मुख्य लक्षण - 1 - मितली या उल्टी आना। 2 - सर्दी लगना तथा ज्वर आना। 3 - कमर के क्षेत्र में या गले और पेट में अचानक दर्दनाक दर्द और ऐंठन होना। 4 - टेस्टिकुलर या पिनाइल दर्द के साथ पेशाब में कठिनाई होना। किडनी में पथरी होने के मुख्य कारण - 1 - अधिक मात्रा में नमक का सेवन। 2 - कम मात्रा में पानी का सेवन। 3 - यदि परिवार में किसी को पथरी हो। 4 - खानपान की गलत आदतें। 5 - मोटापा होना। 6 - विटामिन डी की अधिकता। किडनी में पथरी की समस्या का आयुर्वेदिक उपचार - Ayurvedic Treatment for Kidney Care में पथरी होने की समस्या का सरल उपचार मौजूद है। किडनी में पथरी के रोगी आयुर्वेदिक उपचार को अपना कर शीघ्र लाभ ले सकते हैं। आयुर्वेद में प्राकृतिक औषधियों से उपचार किया जाता है, इस कारण किसी प्रकार की समस्या होने की संभावना भी नहीं होती है। आयुर्वेद में इस प्रकार की कई औषधियों का वर्णन है, जो किडनी में पथरी होने की समस्या को समाप्त करने में लाभप्रद होती हैं। इनमें से गोखरू, दारु हल्दी, पुनर्नवा तथा मुस्तक आदि प्रमुख हैं। इस प्रकार की औषधियों से ही Ambic Ayurved ने Urid Capsule नामक औषधि का निर्माण किया है। यह एक आयुर्वेदिक गुणकारी औषधि है जो किडनी तथा मूत्र रोगों में बहुत लाभकारी है। यह औषधि त्रिदोष शामक होती है। यह औषधि किडनी की समस्या में टॉनिक के रूप में कार्य करती है। यह मूत्र मार्ग में होने वाले रोग जैसे मुत्रघात, मुत्र क्रक्ष आदि में भी बहुत फायदेमंद होती है।