दूषित जीवन शैली तथा खानपान के कारण वर्तमान में किडनी की समस्याओं वाले लोगों की संख्या बढती जा रही है। यदि कोई व्यक्ति धुम्रपान करता है, मोटापे का शिकार है या उच्च रक्तचाप से ग्रसित है तो ऐसे व्यक्ति को अपने गुर्दों की जांच अवश्य करा लेनी चाहिए। इस प्रकार से गुर्दे की समस्या से सरलता से बचाव किया जा सकता है। वर्तमान समय में 10 में से 1 व्यक्ति गुर्दे के किसी न किसी रोग से अवश्य ग्रस्त है। भारत के अंदर किडनी के 50 प्रतिशत रोगों का कारण मोटापा है। किडनी के रोगों का उस समय पता लगता है, जब 60 से 65 प्रतिशत किडनी डैमेज हो चुकी होती है इसलिए किडनी रोगों को साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है। आज भारतीय लोगों में मोटापे की समस्या तेजी से बढती जा रही है। चिप्स, बर्गर, चीज तथा सोडे जैसी चीजों का सेवन काफी बड़ी मात्रा में कर रहें हैं। इन चीजों का सेवन गुर्दों का काफी तेजी से ख़राब हो जाते हैं।
किडनी ख़राब होने के संकेत -
1 - बिना वजह कमजोरी और थकान होना।
2 - मूत्र करने में समस्या होना।
3 - कंपकंपी के साथ ज्वर आना।
4 - बार बार मूत्र आना।
5 - मूत्र में जलन होना।
किडनी की समस्या के कारण -
1 - सॉफ्ट ड्रिंक्स और सोडा ज्यादा लेना।
2 - बाहर का भोजन खाना।
3 - बहुत ज्यादा शराब पीना।
4 - देर तक भूखा रहना या दूषित भोजन करना।
5 - हाईपरटेंशन का इलाज ना कराना तथा बहुत ज्यादा मांस खाना।
किडनी की समस्या का आयुर्वेदिक उपचार -
आज के समय में किडनी की समस्याएं लगातार बढती जा रहीं हैं। मूत्र मार्ग में सूजन, मूत्र होने में समस्या, Kidney stones होना आदि कुछ ऐसी समस्याएं हैं, जो kidney care रोगों का संकेत हैं। किडनी हमारे शरीर में विषैले पदार्थों को जमा नही होने देती है। इसके अलावा यह हड्डियों को मजबूत बनाने वाले हार्मोन्स का निर्माण भी करती है। इस प्रकार से किडनी हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग साबित होती है। किडनी के रोगों से बचाव के लिए आयुर्वेद में कई प्रकार की औषधियां है, जिनका सेवन कर रोगी शीघ्र लाभ प्राप्त कर सकता है। Ambic Ayurved की Urid Capsule नामक Ayurvedic products किडनी रोगों से बचाव का सुगम उपचार करती है। यह औषधि गोखरू, वरुण छाल, वाय विडंग, दारु हल्दी जैसे प्राकृतिक घटकों से निर्मित की गई है। यह एक पूर्णतः आयुर्वेदिक औषधि है, जो Kidney stones तथा अन्य किडनी सम्बंधित रोगों के उपचार के लिए अत्यंत लाभकारी है।