पाचन संबंधी समस्याएं सभी प्रकार के आयु वर्ग में आमतौर पर पाई जाने वाली समस्याएं हैं। आज के समय में जीवन शैली संबंधी समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। एसिडिटी, गैस, बदहज्मी इत्यादि जैसी पाचन संबंधी समस्याएं लगातार लोगों में बढ़ती जा रही हैं। लापरवाह जीवन शैली, भाग-दौड़ वाली जिंदगी और बेवक्त और अस्वस्थ खाने की आदतें पाचन संबंधी रोगों को बढ़ावा देती हैं। दूसरी और अनियमित जीवन शैली और बढ़ती उम्र के कारण, पाचन शक्ति कमजोर पड़ जाती है, उसका संतुलन बिगडऩे लगता है, जिससे पेट कमजोर पड़ जाता है। आयुर्वेद हमें इसी तरह से पाचन अग्नि को संतुलित रखने को कहता है, जिससे हमारा खाना निपुणता से और बिना किसी समस्या के पच जाए. अग्नि असंतुलित होने से, एसिडिटी, गैस, बदहज्मी जैसी पेट की तकलीफें हो सकती हैं। ऐसे में यह समझना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है कि जैसे पाचन एक प्रक्रिया है, वैसे ही रोग निवृत्ति भी एक प्रक्रिया है, और बार-बार कि एसिडिटी, गैस और बदहज्मी से स्थायी राहत, पाचन शक्ति को बढ़ाने से मिलती है। पाचन संबंधी समस्याओं के प्रमुख लक्षण - 1 - दस्त आना। 2 - कब्ज रहना। 3 - मितली तथा उल्टी आना। 4 - वजन बढ़ना तथा कम होना। 5 - सूजन होना। 6 - पेट में दर्द होना। पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने का आयुर्वेदिक समाधान - पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में आयुर्वेद अत्यंत लाभप्रद है। Ayurvedic Treatment for Gastrointestinal Disorders पूर्णतः प्राकृतिक औषधियों पर ही निर्भर होता है। इसमें बहुत सी ऐसी औषधियां हैं, जो पाचन संबंधी समस्याओं का निराकरण आसानी से कर देती हैं। Ambic Ayurved की Pachast Syrup तथा Tablet पाचन संबंधी रोगों को दूर करने में अत्यंत लाभकारी औषधि है। यह औषधि पूर्णतः आयुर्वेदिक है तथा एसिडिटी, गैस, बदहज्मी इत्यादि जैसी पाचन संबंधी समस्याओं को सरलता से दूर करती है।