हमारे शरीर को मिलने वाले सभी पोषक तत्व हम भोजन से ग्रहण करते हैं। भोजन हम उस समय ही करते हैं, जब हमें भूख लगती है। लेकिन क्या आपने विचार किया है की यदि आपको भूख ही न लगे तो क्या हो सकता है। भोजन ग्रहण न करने के कारण आपके शरीर को आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिलेंगे, जिसके कारण कई प्रकार की समस्याएं पैदा हो सकती हैं। अतः यह आवश्यक है की हमें सही समय पर भूख लगती रहे। जब आदमी को भूख नहीं लगती है तो यदि जबरदस्ती किया जाए तो भी ज्यादा नहीं खा पाते, खाने में खाने का बिल्कुल भी मन नहीं करता, ऐसा आमाशय पाचन तंत्र में कमी होने के कारण भी हो सकता है। हमारे शरीर का प्रत्येक संकेत बहुत अहम होता है। इसमें भूख न लगना भी शामिल है। भूख न लगने या कुछ भी खाने की इच्छा नहीं होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें कब्ज, पेट में वायरस, पाचन संबंधी रोग, गलत तरह का खानपान, गलत समय पर खाने-पीने की आदत शामिल हैं।
भूख न लगने के मुख्य संकेत -
1 - खाने के प्रति उत्साह की कमी होना।
2 - पेट सामान्य से जल्दी भर जाना।
3 - खाते समय थकान महसूस होना।
4 - खाना आधा छोड़कर उठ जाना।
5 - मनपसंद चीजों को भी नहीं खाना।
6 - खाते समय उबकाई आना।
भूख न लगने के मुख्य कारण -
1 - लीवर में सूजन या जलन होना।
2 - पाचन तंत्र में सूजन या लालिमा होना।
3 - आंतों में रूकावट होना।
4 - चिंता या तनाव होना।
5 - लीवर रोग होना।
6 - जलोदर की समस्या होना।
भूख न लगने का आयुर्वेदिक निदान -
Ayurvedic Treatment for Liver Care में इस प्रकार की बहुत सी औषधियां हैं, जो भूख न लगने की समस्या को सरलता से दूर कर देती हैं। जिनमें से पुनर्नवा, मकोई, कालमेघ, कुटकी आदि प्रमुख हैं। Ambic Ayurved की Hopeliv DS Syrup इन सभी औषधियों के सही अनुपात से निर्मित की गई है। यह एक ऐसी गुणकारी औषधी है जो पाचन तंत्र के लिए लाभदायक है। यह औषधी लीवर में होने वाले सभी रोगों में विशेष तौर पर लाभदायक है। यह जड़ीबूटी लीवर में होने वाले अनेक रोग जैसे फैटी लीवर, लीवर सिरोसिस आदि रोगों में बहुत ही लाभकारी औषधी है। यह कब्ज को भी ख़त्म करती है। यह औषधी अपच के उपचार में भी लाभकारी होने के साथ साथ यह गैस्टिक रस का स्त्राव बढ़ाती है तथा भूख में सुधार करती है। यह औषधी उल्टी, पेट दर्द, पेट में जलन, पेट का भारी होना, विबंध, भूख कम लगना, मुंह में पानी आना आदि समस्याओं में भी लाभकारी है। यह औषधी जलोदर नामक रोग में भी लाभदायक होती है।