वर्तमान समय की भागदौड़ भरे जीवन में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) महिलाओं की आम समस्या बन चुकी है। अस्वच्छ शैचालयों का उपयोग करना इस समस्या का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। आज के समय में हर दूसरी नौकरी पेशा महिला इस समस्या से ग्रस्त है। हालांकि यह रोग ज्यादा गंभीर नहीं है लेकिन यदि समय पर ध्यान न दिया जाए तो किडनी के खराब होने का ख़तरा भी बन जाता जाता है। यूटीआई की इस समस्या को मूत्र मार्ग संक्रमण के नाम से भी जाना जाता है। वेस्टर्न स्टाइल के टॉयलेट में इस रोग का ख़तरा सबसे अधिक बढ़ा होता है। 15 से 40 वर्षीय लोगों में UTI की समस्या सबसे अधिक देखी जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार "यूटीआई की समस्या मूत्रत्याग के समय किसी भी प्रकार की बाधा के कारण होती है लेकिन शौचालय का इस्तेमाल करते वक्त स्वच्छता का ध्यान ना रखना इस संक्रमण का आम कारण है। यूटीआई का एक कारण गर्मियों में दूषित पानी का सेवन और निर्जलीकरण (डीहाइड्रेशन) और नियंत्रित मधुमेह भी यूटीआई को बुलावा दे सकता है। हमेशा स्वच्छ शौचालय का प्रयोग करना चाहिए। स्वच्छता किसी भी रोग से बचने का सबसे बड़ा उपाय है।" एक रिपोर्ट के अनुसार, गंदे शौचालयों या शौचालयों की कमी जैसे कारणों के साथ भारत में लगभग 50 फीसदी महिलाएं यूटीआई से पीड़ित हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाएं इस रोग से अधिक प्रभावित होती हैं. खासतौर पर युवा महिलाओं में यूटीआई की शिकायत बहुत आम है. यह रोग किडनी पर भी दुष्प्रभाव डाल सकता है। यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण - 1 - पेशाब करते समय जलन या दर्द होना। 2 - बार बार तेज पेशाब आने जैसा महसूस होता है, लेकिन मुश्किल से थोड़ी सी पेशाब आती है । 3 - नलों में, पीछे पीठ में या पेट के साइड में दर्द होना। 4 - गंदला सा, गहरे रंग का, गुलाबी से रंग का, या अजीब से गंध वाला पेशाब होना। 5 - थकान और कमजोरी महसूस होना। 6 - उलटी होना, जी घबराना। 7 - बुखार या कंपकंपी ( जब इन्फेक्शन किडनी तक पहुँच जाता है ) होना। UTI की समस्या के मुख्य कारण - 1 - यूरिन इन्फेक्शन होने का मुख्य कारण E,COLI बेक्टीरिया जो की आंतो में पाया जाता है। ये बेक्टीरिया गुदा द्वार से निकल कर मूत्रमार्ग, मूत्राशय या किडनी में फ़ैल सकते है। 2 - यौन सम्बन्ध के माध्यम से से भी मूत्रनली में संक्रमण पैदा हो सकता है क्योकि इस समय सफाई का ध्यान नहीं रखना इसका बहुत बड़ा कारण होता है। 3 - डायबिटीज, मोटापा या अनुवांशिकता भी यूरिन में इन्फेक्शन होने का कारण हो सकते है। 4 - गर्भावस्था में प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन के बढ़ने के कारण मूत्राशय और मूत्र नली में संकुचन की क्षमता कम हो जाती है। इस वजह से मूत्राशय के सही प्रकार से काम न कर पाने के कारण यूरिन इन्फेक्शन हो जाता है। 5 - पेशाब निकलने के लिए लंबे समय तक कैथिटर लगाए जाने से भी यूरिन इन्फेक्शन हो सकता है। UTI की समस्या का आयुर्वेदिक समाधान - Ayurvedic Treatment for Gynecological Disorders में महिलाओं में होने वाली UTI की समस्या का सरल समाधान मौजूद है। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्दति प्राकृतिक घटकों का उपयोग कर रोग को समाप्त करती है। अतः आयुर्वेद में इस प्रकार की कई जड़ी बूटियों का वर्णन है जो UTI की समस्या में लाभ प्रदान करती हैं। इनमें से अनंतमूल, अशोक छाल, बला तथा पुनर्नवा आदि प्रमुख औषधियां हैं। इस प्रकार की शुद्ध औषधियों के सही अनुपात से Ambic Ayurved ने Navroop DS Syrup नामक औषधियों का निर्माण किया है। यह औषधि महिलाओं में बार बार होने वाले यूरिन में इंफेक्शन की समस्या में भी लाभदायक होती है। यह ओषधी एंटी आक्सीडेंट होने के साथ साथ रक्त में होने वाले टोक्सिन को भी ख़त्म करती है। इसके अलावा Navroop DS Syrup में का घटक लोध्र PCOS में डिम्ब ग्रंथि सेल की शिथिलता को रोकता है। यह ओषधी महिलाओं में शारीरिक विकास के लिए भी अच्छी होती है। यदि आप Navroop DS Syrup के साथ Navroop DS Tablet का सेवन करते हैं तो इसका जल्दी लाभ मिलता है।