यौन क्रिया महज एक क्रिया ही नहीं है वरन यह एक ऐसी जटिल प्रक्रिया से संचालित होती है, जिसका अंदाजा लगाना सरल नहीं है। कभी-कभी लोग किसी तस्वीर को देखकर ही उत्तेजित हो जाते हैं। पुरुषों के गुप्तांग में उत्तेजना खत्म हो जाने को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन या नपुंसकता कहते हैं। इरेक्शन (स्तंभन) यौन क्रिया के पूरा हो जाने के बाद यानी इजेकुलेशन (स्खलन) के बाद खत्म होना चाहिए। जिन लोगों में यह दिक्कत पाई जाती है, वे चिड़चिड़े हो सकते हैं और उनका कॉन्फिडेंस लेवल भी कम हो सकता है। पुरुष के लिंग में उत्तेजना विचार से भी आती है और स्पर्श से भी। इसका परिणाम यह होता है कि शरीर के साथ लिंग में भी खून का प्रवाह तेज हो जाता है मगर उत्तेजना के लिए उचित हॉर्मोन का होना भी जरूरी है। ऐसा माना जाता है कि पुरुषों में 60 साल के बाद और महिलाओं में 45 साल के बाद हॉर्मोन की कमी होने लगती है, जिससे उनके उत्तेजित होने में समय लगता है या फिर वे उत्तेजित ही नहीं हो पाते हैं। आइये जानते हैं नपुंसकता की समस्या के प्रमुख कारणों के बारे में। नपुंसकता की समस्या के प्रमुख कारण - 1 - नशा करना - नशाखोरी भी व्यक्ति की सेक्स लाइफ को प्रभावित करती है। तनाव, शराब, धूम्रपान और मधुमेह का भी सेक्स लाइफ पर असर होता है। अत: इनसे बचकर रहना चाहिए। 2 - हॉर्मोंस डिसऑर्डर्स, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन अथवा नपुंसकता की बड़ी वजह हो सकती है। 3 - पुरुषों के गुप्तांग में रक्त का प्रवाह सही न होना। 4 - डॉक्टरों का मानना है कि 80 फीसदी मामलों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की वजह शारीरिक होती है, बाकी 20 फीसदी मामले ऐसे होते हैं जिनमें इसके लिए मानसिक कारण जिम्मेदार होते हैं। नपुंसकता दो प्रकार की होती है : - 1. प्राथमिक नपुंसकता – इस प्रकार की नपुंसकता में पुरूष को पूरे जीवन में कभी भी लिंग में तनाव नही आता है. इसी कमी के कारण वह कभी भी किसी भी स्त्री से शारीरिक संबंध नहीं बना पाता. इसे प्राथमिक नपुंसकता माना गया है. 2. द्वितीयक नपुंसकता – इनमें कुछ कारण मानसिक हो सकते हैं एवं कुछ शारीरिक। शारीरिक कारणों में प्रमुख हैं – शारीरिक थकान, हार्मोन संबंधी असामान्यता, तंत्रिका तंत्र संबंधी रोग, जननांग संबंधी विकार, यकृत संबंधी रोग, अल्कोहल, धूम्रपान आदि। मानसिक कारणों में – सेक्स क्रिया की समस्या का भय, सेक्स की अज्ञानता, सेक्सुअल वार्तालाप का न होना। अन्य कारणों में – बचपन में की गई गलतियों और भ्रामक विचारधारा भी नपुंसकता के लिए जिम्मेदार हो सकती है. स्वप्नदोष और धातु रोग को भी नपुंसकता के लिये जिम्मेदार माना जाता है। महिलाओं में नपुंसकता - ऐसा नहीं है कि आप अपने साथी के साथ यौन संबंध रखते हुए वही प्रतिक्रिया महसूस करते हैं जैसा कि आप पहले करते थे। विभिन्न कारणों से महिलाओं में नपुंसकता किसी भी स्तर पर हो सकती है। कभी-कभी ऐसी समस्याएं आपके साथी के साथ आपके रिश्ते को रोक सकती हैं। महिलाओं में नपुंसकता के कारण - 1 - अवरोधित इच्छा विकार - इस विकार से ग्रस्त होने वाली अधिकांश नपुंसक महिलाएं यौन संबंध रखने की इच्छा नहीं रखती हैं। 2 - यौन क्रिया के दौरान दर्द - यौन क्रिया के दौरान डिस्पैर्यूनिया या दर्द कभी-कभी महिलाओं के बीच नपुंसकता का कारण बनता है। 3 - यौन क्रिया तक पहुंचने की क्षमता की कमी - विशेषज्ञों के अनुसार केवल 25% महिलाएं यौन क्रिया करने के लिए सक्षम पाई जाती हैं इस वजह से यौन क्रिया के दौरान ज्यादातर महिलाएं चरम पर नहीं पहुंचती हैं। पुरुष तथा महिला नपुंसकता का आयुर्वेदिक निदान -
Ayurvedic Treatment for Pregnancy and Infertility Disorders में पुरुष तथा महिला नपुंसकता का सरल उपचार मौजूद है। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्दति में प्राकृतिक घटकों से दवाओं का निर्माण किया जाता है। जिसके कारण ही किसी प्रकार के संक्रमण की कोई गुंजाइश नहीं होती है। आयुर्वेद में ऐसी बहुत सी गुणकारी औषधियां हैं, जो पुरुष तथा महिला नपुंसकता की समस्या को दूर करने में सहायक हैं। जिनमें से विदारीकंद, अश्वगंधा, कौंच बीज, गर्भ चिंतामणि रस आदि प्रमुख हैं। Ambic Ayurved ने ऐसी ही शुद्ध तथा गुणकारी औषधियों के सही अनुपात से Kandarp Syrup, Kandarp Churna तथा Progarb Capsule नामक औषधियों को निर्मित किया है। Kandarp Syrup एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधी है जो सभी प्रकार के यौन जनित रोगों के लिए बहुत लाभकारी है। इस लाभकारी औषधी का प्रयोग सभी प्रकार के तनाव, थकान, यौन अनिच्छा, वीर्य की गुणवत्ता, धातु वर्धक, नपुंसकता आदि रोगों में किया जाता है। Kandarp Churna अश्वगंधा, गोखरू, विदारी कंद, कौंच बीज आदि गुणकारी औषधियों से मिलकर निर्मित की गई है। इस लाभकारी औषधी का प्रयोग सभी प्रकार के तनाव, थकान, यौन अनिच्छा, वीर्य की गुणवत्ता, धातु वर्धक, नपुंसकता आदि रोगों में किया जाता है। यह ओषधि शरीर में प्रजनन क्षमता तथा कामेच्छा बढ़ाने की श्रेष्ठ औषधि है। Progarb Capsule मंडूर भस्म, अभ्रक भस्म, गर्भपाल रस, प्रवाल पिष्टी आदि औषधियों से निर्मित की गई है। यह औषधी महिलाओं में गर्भाश्य की मांसपेशियों को मजबूत करती है तथा महिलाओं में होने वाली प्रेग्नेंसी में भी लाभकारी होती है। यह औषधी शुरूआती दिनों की प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में काफी मददगार साबित होती है। इस औषधी को प्रेग्नेंसी के दौरान लेने से महिलाओं में सामान्य प्रसव होता है। यह औषधी महिलाओं में होने वाली PCOD तथा PCOS की समस्या में भी लाभकारी होती है। यह प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में होने वाली थकान, तनाव की समस्या में भी लाभकारी होती है। यह औषधी समय समय पर लेते रहने से महिलाओं में टॉनिक के रूप में कार्य करती है। यह औषधी महिलाओं में नसों की कमजोरी तथा बांझपन की समस्याओं में काफी लाभकारी होती है। यह महिलाओं में होने वाले गर्भ स्त्राव तथा गर्भपात को रोकती है तथा गर्भावस्था में होने वाले रक्त स्त्राव को रोकने में सहायक होती है। इस प्रकार से Kandarp Syrup, Kandarp Churna तथा Progarb Capsule नामक औषधियों के सेवन से पुरुष तथा महिलायें अपनी नपुंसकता तथा अन्य यौन समस्याओं का निदान आसानी से कर सकते हैं।