वाशिंगटन : अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इन दिनों चर्चा में हैं क्योंकि उन्होंने सात मुस्लिम देशों की अमेरिका में एंट्री बंद कर दी। इन देशों में सीरिया, सूडान, इराक, ईरान, सोमालिया, यमन और लीबिया शामिल हैं। हालाँकि ट्रम्प ने इस सूची मिस्र जैसे कई देशों को छोड़ दिया जिनके अमेरिका से व्यापार िक हित जुड़े हुए हैं। दूसरी ओर ट्रम्प दुनिया के तमाम देशों के प्रतिनिधियों को फोन कर रहे हैं इसी कड़ी में उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी बातचीत की।
समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (एपी) की माने तो इसी कड़ी में ट्रम्प ने मैक्सिको में राष्ट्रपति पेना नीटो से भी बातचीत की। यह बातचीत सार्वजनिक हुई है। इसमें ट्रम्प मैक्सिको के राष्ट्रपति को सीधे तौर पर धमकी दे रहे हैं। ट्रम्प उनसे कह रहे हैं कि उनके देश में कई बुरे लोग हैं और आप उनपर कार्रवाई नही कर रहे हैं। ट्रम्प ने कहा कि लगता है आपकी सेना इनसे डरी हुई है इसलिए मैं उनसे निपटने के लिए अमेरिकी सेना को भेज सकता हूँ।
इसी तरह अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने ऑट्रेलिया के प्रधानमंत्री मालकम टर्नबुल को भी फोन किया। इस बातचीत में प्रधानमंत्री मालकम टर्नबुल ने उन्हें ओबामा के दौर में अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए उस समझौते की याद दिलाई जो शरणार्थियों को लेकर कई गए थे। ख़बरों की माने तो इस पर ट्रम्प गुस्सा हो गए और उन्हें खरी-खोटी सुनाने लगे।
ट्रंप और टर्नबुल के बीच की इस बातचीत के लिए एक घंटे का समय तय था, लेकिन 25 मिनट बाद ही ट्रंप ने एकाएक फोन काट दिया। ट्रंप ने PM टर्नबुल से कहा कि उन्होंने उनके अलावा 4 राष्ट्राध्यक्षों को भी फोन किया। ट्रंप ने बताया कि उन्होंने रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ भी बातचीत की है। यह सब कहने के बाद ट्रंप ने टर्नबुल से कहा, 'उन सभी फोन कॉल्स की तुलना में आपसे की गई मेरी बातचीत सबसे खराब रही है।' ट्रंप का यह व्यवहार वैसा ही है, जैसा कि वह अपने राजनैतिक विरोधियों और मीडिया संगठनों के खिलाफ करते हैं।