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अनजानी मोहब्बत

22 मई 2024

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गर्मियों का समय था । जैसलमेर के मरूस्थलीय इलाके में चिलचिलाती धूप  को देखकर हर व्यक्ति के पसीने छूट जाते हैं। शहर के एक बीचोंबीच रोशनी अपने पिता दीपक और माता वीणा के साथ रहती थी। 
अभी-अभी दसवीं पास करने के पश्चात ग्यारवीं क्लास में गई थी। जुलाई का महीना था , गर्मी की विदाई का समय था । रिजल्ट  के आने के बाद से ही रोशनी बहुत प्रसन्न  थी क्योंकि इस समय बच्चों के लिए नई क्लास में जाने का मौका मिलता है जहां कुछ पुराने दोस्तों के साथ कुछ नये दोस्तों के साथ सामना होता है।‌ 
बच्चा हो या बडा जब वह अपने जीवन में प्रमोट होकर अगले पायदान पर पहुंचता है तो उसके मन में खुशी का एक अलग ही नजारा होता है। 

जब बच्चों  की पढ़ाई की शुरुआत हो जाती है उस समय बच्चों की स्वतंत्रता खत्म हो जाती है और वे पुनः अपने व्यस्त लाइफ में कदम रखते हैं। बच्चे अपने घरों से बाहर निकलना शुरू कर देते हैं और अपने दोस्तों के साथ जिंदगी के मजे लेना शुरू कर देते हैं। 
युग परिवर्तन की बेला में ,बूढे , बच्चे और जवानों ने अपना रंग बदल लिया है। सब लोगों के हाथ में लेपटॉप, मोबाइल क्या आये  कि सब लोग सोशल मीडिया पर अपने लिए लेडीज फ्रेंड्स खोजना शुरू कर देते हैं। 

फेसबुक, इंस्टाग्राम, शेयरचेट , वाट्सएप और टेलीग्राम जैसे हर एप्लिकेशन पर लोगों की व्यस्तता घर परिवार से अधिक अपने गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड के साथ बढ़ चुकी है।। 

छोटे-छोटे बच्चों को आशिकी का शौक इस कदर लग गया है जैसे इस समय में बच्चों को फास्ट-फूड और जंक फूड खाने का लग गया हो। 

अरूण जो रोशनी का दसवीं क्लास से पीछा कर रहा था । मगर वह कुछ कह नहीं पा रहा था। उसकी हिम्मत रोशनी से कुछ कहने की हो नहीं पा रही थी। यहीं कारण था कि वह रोशनी से एक तरफा मोहब्बत करने लग जाता है। 

रोशनी को इस बात का पता नहीं था कि अरूण उसके पीछे लगा हुआ है। 
रोशनी जो बहुत ही ब्युटीफुल लड़की थी। उसे ऊपर वाले ने बड़ी फुर्सत के साथ बनाया था । पतली सी नाक, गुलाबी होंठ, नागिन से लहराते हुए बाल और काली कजरारी सुंदर आंखें जिन्हें देखकर हर लड़के का मन उसके ऊपर करता था। लेकिन अभी तक  वह इन मामलों में पड़ी नहीं थी । 

जमाने के अनुसार ,‌वक्त ने ऐसी करवट ली कि आज के युवाओं को प्रेम , मोहब्बत की तरफ इतना झुका दिया कि आज के छोटे-छोटे बच्चे भी प्रेम की बातों को समझने लगे हैं। उनके अंदर प्रेम की जिज्ञासा बढ़ने लगे हैं। कामुताएं भड़कने लगी है और वे शिक्षित होने के बजाय प्रेम की दुनिया में गोते लगाने लगे हैं। 

रोशनी भी इस दलदल में फंसे गई, अरुण के इक तरफा प्रेम ने उसे छेड़ना शुरू कर दिया।  जब भी मौका मिलता था , करूण उसकी तरफ तांकना-झांकना शुरू कर देता और उससे बातें करने की कोशिश करता था लेकिन रोशनी उसे ऊपर ज्यादा ध्यान नहीं देती थी।‌ 

अरूण रोशनी के लिए अति व्याकुल रहता था । वह उसे पाने की चाह रखता था। वह उसका पीछा करता रहता था लेकिन रोशनी कभी भी अकेली स्कूल नहीं आती थी । 

रोशनी के घर से उसके स्कूल की दूसरी लगभग पांच सौ मीटर थी , इसलिए वह अपने पडौस के बच्चों के साथ पैदल ही स्कूल जाया करती थी।‌ 

संयोगवश एक दिन रोशनी अरुण के लिए अकेली मिल जाती है। अरुण ने उससे बातें करने की कोशिश की । 

" हेलो रोशनी!! यार मैं बहुत दिनों से तुमसे एक बात करना चाहता हूं। प्लीज़ रुकिए और मुझसे बात करिए ।
रोशनी के पीछे से चलते हुए अरूण ने कहा ।" 

रोशनी जो चुपचाप अपने रास्ते चली जा रही थी , उसने अरुण की बातों पर कोई ध्यान नहीं दिया और वह अपने घर की तरफ बढ़ती जा रही थी लेकिन अरुण उसके पीछे चलता ही जा रहा था । हालांकि अरूण के मन में भय था लेकिन वह उससे बातें करने की हिम्मत कर रहा था । 

रोशनी प्लीज़ कुछ तो बोलिए!! यार मैं तुमसे कुछ बातें करना चाहता हूं।‌ 

रोशनी मन ही मन गुस्सा हो जाती है और वह गुस्से में जल्दी - जल्दी चलने लगती है । 
अरूण जो उसका पीछा छोड़ने का नाम नहीं ले रहा था । उसके ऊपर इस समय प्रेम का भूत सवार था । यह तेरह सोलह साल का बालक एक सोलह साल की लड़की के साथ मोहब्बत के लिए इतना उतावला हो रहा होता है।। 

जब रोशनी के सब्र की सीमा खत्म हो जाती है तो रोशनी ने पलटते हुए अरूण को उंगली दिखाते हुए कहा । 
" बोल क्या कहना चाहता है । तुम्हें मेरा पीछा करने में जरा भी शर्म नहीं आ रही है क्या ?! तुम्हें क्या चाहिए। अगर मैंने हल्ला मचाया और लोग इकट्ठे हो गये तो तेरे सिर पर एक भी बाल नहीं बचेगा । 
इतने जूते पड़ेंगे कि तू लड़कियों का पीछा करना भूल जायेगा। " 

अरूण रोशनी का गुस्सा देखकर डर जाता है और अंदर ही अंदर कांपने लगता है।। और सोचने  लगा, यह स्वभाव से जितनी भोली है उतनी लगती नहीं । देखो तो सही गुस्से के कारण चेहरा लाल हो गया है।।

मैंने हिम्मत करके कहा , यार रोशनी तुम इतनी गुस्सा क्यों होती हो ?! मुझे तुम्हारा गुस्सा देखकर बहुत डर लग रहा है। पहले तुम शांत हो जाओ । फिर मैं तुम्हें बात बताना चाहूंगा।।

रोशनी बोली , क्या बात है  बतायेगा भी ..... तू यह बता कि मेरे पीछे क्यों लगा हुआ है?? मैं तुम्हारे जैसे छिछोरे लड़कों की सच्चाई अच्छी तरह जानती हूं। तू क्या कहेगा यह भी जानती हूं । तुम्हारे जैसे लड़कों के अंदर प्रेम करने की कुछ ज्यादा ही आग लगी पड़ी है। 

अरूण नम्रता के साथ कहता है , यार रोशनी तुम मुझे दूसरे लडको की तरह मत समझिए।  मैं तुम्हें पिछले एक साल से देख रहा हूं और मन ही मन तुम्हें प्रेम कर चुका हूं । मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं। 

आई लव यू रोशनी......
 अरूण की ऐसी बातें सुनकर रोशनी और ज्यादा भड़क उठती है और वह गुस्से में लाल होकर अपने घर की तरफ चल पड़ती है। रोशनी बड़बड़ाती हुई जा रही है। 

ठहर मैं तुम्हें अभी मज़ा चखाती हूं । मैं अभी अपने मम्मी-पापा को जाकर बताती हूं कि एक आशिक मुझे रास्ते में चलते हुए छेडता है।  जब तेरी अकड़ सब कम हो जायेगी । 

मैं तुम्हें जेल के चुका लगवाकर रहूंगी, मैं तेरे अंदर के प्रेम के भूत को एक मिनट में उतरवा दूंगी। 

अरूण रोशनी की बातें सुनकर घबरा गया । लेकिन अब पछताने से होगा भी क्या ?! अगर रोशनी ने उसके घर पर बता दिया तो कल ही स्कूल में मेरी लंका लग जायेगी।‌ 

मैं रोशनी को मनाने के लिए उसके पीछे-पीछे चलने लगा और उससे माफी मांगने लगा । 

रोशनी सच में , मैं तुमसे बहुत ज्यादा प्रेम करता हूं । लेकिन इस मैटर को घरवालों तक मत खींचिए । तुम्हें जो भी सजा देनी है दीजिए लेकिन घरवालों तक बात चली गई तो मेरी जिंदगी खराब हो जायेगी।

रोशनी कुछ नहीं सुन रही थी और वह चली जा रही थी। अरूण उससे अपने प्रेम की भीख मांग रहा था लेकिन रोशनी उसे माफी देने के लिए तैयार नही थी। वह बिना कुछ सुने चली जा रही थी।‌ 

रोशनी का घर नज़दीक आ गया था । वह पहुंचने वाली थी । 
अचानक से अरूण को गुस्सा आ जाता है और उसने कहा , तुम मुझे माफ नहीं करना चाहती हो तो मत कीजिए। मे तुम्हारे सामने इतना गिड़गिड़ा रहा हूं तो तुम्हारे भाव बढ़ रहे हैं। 
मैं तो अपने प्रेम के लिए अपने प्राणों की आहूति देने के लिए तैयार हूं लेकिन यह आहूति व्यर्थ नहीं जायेगी। 
यह भी लोगों को एक संदेश देकर जाएगी कि इस दुनिया में एक प्रेमी ऐसा पैदा हुआ जिसने अपनी प्रेमिका के लिए जान दै दी । 

ऐसा हुआ तो लोग मुझे प्रेमी पागल दीवाना समझेंगे लेकिन तुम इस दुनिया को क्या जबाव दोगी ?? जब लोग तुमसे पूछेंगे कि तुमने उससे प्रेम किया था या नहीं , अगर प्रेम किया तो निभाया क्यों नहीं ?! 

तुम ही बताओ तुम दुनिया के सवालों का क्या जबाव दोगी?! 

रोशनी अभी भी चुप थी और वह चली जा रही थी। अरूण ने उसका पीछा करना बंद कर दिया और वह वहां पर खड़ा हुआ देखता रह गया । 

" प्रिय पाठकों मैंने बहुत दिनों के बाद इस प्लेटफार्म पर एक नई कहानी की शुरुआत की है। आप सभी से विनम्र निवेदन है कि आप मेरी कहानी पढ़ने के पश्चात अपनी समीक्षा अवश्य दें । आप के रिव्यू के बाद ही मैं अपना अगला पार्ट लिखने जा रहा हूं।"
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गर्भपात
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एक लड़की जो किसी लड़के के साथ मोहब्बत कर बैठती है। अबोध और अनजान होने के बाबजूद वह उस लड़केके साथ शारीरिक संबंध बनाती है और गर्भवती हो जाती है।जैसे ही उसके बॉयफ्रेंड को पता लगता है तो वह उसे गर्भपात कराना चाहता है लेकिन लड़की के अंदर अचानक से मातृत्व की भावना जागृत होती है और वह उस लडके को उसका वादा याद दिलाती है कि उसने प्रेम करते समय शादी करने का वादा किया था । अब वह समय आ गया है । लेकिन लड़का इस बात से इंकार कर देता है क्योंकि वह ऊंची जात वालों का होता है। भावनाओं से सराबोर यह कहानी आपके लिए एक नया संदेश देकर जाएगी।

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