लगभग तीन महीने बीत गए । अध्दविक और जय ने मिलकर अपना बिजनेस काफी फैला लिया था । उनका बिजनेस तो पहले से ही आस्ट्रेलिया में फैला हुआ था , इसलिए उन्हें यहां ज्यादा परेशानी नहीं हुई । देखते ही देखते टाप कंपनीयों में उनकी कंपनी दूसरे नंबर पर आ पहुंच । पहले नंबर पर उनके दादाजी की कंपनी थी । इतने कम वक्त में किसी के लिए इस मुकाम तक पहुंचना आसान नहीं था ।
दोनों ने ही आस्ट्रेलिया में पढ़ाई के साथ अपना बिजनेस शुरू किया था , इसलिए उन्हें काफी नोलेज थी ।
अध्दविक अपने बिजनेस के साथ साथ बड़े भईया की भी मदद कर दिया करता , जो दादाजी का बिजनेस संभाल रहे थे । अनिकेत के साथ राजेश भी उनके आफिस जाता था । घर में सब लोग जानते थे , कि वो एक जिम्मेदार इंसान नहीं है , लेकिन बुआ जी ने दादाजी से कितनी मिन्नतें की जिसके बाद उन्होंने उसे कुछ जिम्मेदारियां सौंप दी ।
राजेश आफिस में तो घुस चुका था , लेकिन काम से वो हर वक्त जी चुराता था। वो अध्दविक से बहुत ज्यादा नफरत करता था , क्योंकि उसके आने के बाद से उसकी मुसीबतें बढ़ गई थी । वो आसानी से कंपनी में घोटाला नहीं कर पा रहा था । बुआजी तो हमेशा अपने बेटे की बुराइयों पर पर्दा डालने का काम करती थी ।
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इधर मीरा अपना पूरा ध्यान पढ़ाई पर लगा चुकी थी ! करण अक्सर उसके पास जाने की , उससे बात करने की कोशिश करता मगर मीरा उसे घास तक नहीं डालती थी । यहां तक कि करण ने पूरे कालेज में ये बात फैला दी थी , की मीरा उसकी गर्लफ्रेंड है । मीरा के लाख मना करने के बाबजूद भी वो नहीं माना । मीरा ने डीन से उसकी कंप्लेंट की , लेकिन उसका भी कोई फायदा नहीं हुआ । उसके बाद से मीरा ने उसे इग्नोर करना शुरू कर दिया , क्योंकि बातों को आगे बढ़ाकर अपने लिए मुसीबतें खडी नहीं करना चाहती थी । गायत्री कितने मुश्किलों के बाद उसे यहां पढने के लिए भेज पाई थी ।
पहला लेक्चर जल्दी खत्म हो गया था और दूसरे लेक्चर के लिए अभी काफी टाइम बाकी था । इसीलिए मीरा, जानवी , प्रिया और दो -तीन कालेज की लड़कियां भी साथ में थी , एक खाली क्लास रूम में बैठें बाते कर रहे थे । तभी एक लड़की दौड़ते हुए उनके पास आई ।
उसे हांफते देख जानवी ने कहा " क्या बात है शीतल ? " तेरे पीछे कोई भूत- वूत तो नहीं पड़ गया । कहा से ऐसे भागते हुए आ रही है ? "
शीतल थोड़ा नोर्मल होते हुए जवाब बोली " , अरे नहीं यार , मेरे पीछे कोई भूत- वूत नहीं पड़ा, । वो क्या है न कि . . . . . ये कहकर वो थोड़ा रुकती है जिसपर जानवी चिढ़ते हुए कहती है " अब बताएगी भी क्या हुआ ? "
शीतल एक्साइटेड होते हुए जवाब देती है " तुम लोगों को पता है , कालेज में एक डांस competition होने वाला है ।
तभी दूसरी लड़की कहती हैं " बस इतनी सी बात के लिए तूने हमारी जान हलक में अटका के रखी थी । "
शीतल हैरानी से सबको देखते हुए कहती हैं " तुम लोगों को इतनी सी बात लग रही है । पता है अभी तक कालेज में ये खबर सबको नहीं पता । कितनी मुश्किल से सबसे पहले ये खबर मुझे पता चली और मैं फौरन तुम लोगों को बताने चली आई , पर तुम लोगों को तो मेरी कदर ही नहीं है । खैर जाने दो ।
" मेरा शुक्रिया अदा करो कि मेरी वजह से तुम लोग अप टू डेट रहते हो " यह कहकर वो गर्व से अपना कालर उपर कर लेती है ! बाकी सब उसके जवाब पर हंसने लगते हैं ।
" मेरा मजाक मत उडाओ तुम सब " , बाकी सब को हसता देख शीतल थोड़ा नाराज़ होते हुए बोली।
" मीरा तुम क्यों नहीं पार्ट ले लेती , डांस competition में " प्रिया ने मीरा से कहा । तभी जानवी ने कहा " हां मीरा तू तो कितना अच्छा डांस करती है और तुझे तो डांस करना पसंद भी है।
" नहीं मैं इस डांस में पार्ट नहीं ले सकती " मीरा ने जब इनकार किया , तो सब उसकी तरफ हैरानी से देखने लगे । सभी के ज़हन में एक ही सवाल था , आखिर मीरा ने इनकार क्यों किया ? मीरा ने आगे कहा " मैंने मां से वादा किया है , कि मैं सबके सामने डांस नहीं करूंगी । " मीरा ये कह ही रही थी कि तभी जानवी ने कहा " मीरा मुझे तुझसे कुछ बात करनी है " यह कहकर जानवी उसे साईड में ले आई ।
" मैं जानती हूं मीरा आंटी ने तुझसे ये वादा क्यों लिया होगा , ताकि वो कोठे की महफ़िल से तुझे दूर रख सके , लेकिन ये तो कॉलेज काम्पिडिशन है मीरा । हम आंटी से बात करेंगे वो जरूर मान जाएंगी । "
" नहीं , जान मां नहीं मानेगी । "
" वो सब तू मुझपर छोड़ दें , मैं सब संभाल लूंगी'। तू बस चल मैं दो मिनट में आई "
" अरे लेकिन कहा , मीरा ने पूछा तो जानवी ने उसे डेस्क पर बिठाते हुए कहा " बस दो मिनट . . . . और ये कहकर वो बाहर चली गई ।
पूरे दस मिनट बीत जाने के बाद जब जानवी नहीं आईं , तो मीरा ने परेशान होते हुए कहा " कहा रह गई ये लड़की " तभी शीतल ने कहा " लो आ गई महारानी मगर ये इतनी खुश क्यों है , कोई बहुत बड़ा खजाना हाथ लग गया क्या ?
" कुछ ऐसा ही समझ लो क्योंकि मीरा अब डांस में पार्ट लेने वाली हैं । " जानवी ने खुश होते हुए कहा । मीरा हैरानी से उसे ही देख रही थी । जानवी ने उसका हाथ पकड़ कर कहा आंटी मान गई है मीरा " । आंटी को तेरा दिया वादा भी नहीं टूटेगा और तू डांस भी करेंगी ।
' मगर एक शर्त है ' जानवी ने मायूस होते हुए आगे कहा । " तू डाांस कर सकती हैं पर किसी को पता नहीं चलना चाहिए कि डांस तूने किया है । "
" अरे इसमें कौन सी बड़ी बात है । इसका सोल्यूशन है मेरे पास " शीतल ने कहा तो पि्या ने पूछा " क्या है वो साल्यूशन ? "
" अरे ये गु्प डांस होगा और क्लासिकल थीम है तो, क्लासिकल कपड़ों में , दुपट्टे से चेहरा ढककर डांस करना कौन सी बड़ी बात है । किसी को पता भी नहीं चलेगा घूंघट में मीरा है या कोई और । "
" अगर तुम पार्टीसिपेट करोगी न तो पक्का ये competition तुम्ही जीतोगी "। में इसकी गैंरेंटी देती हूं । " शीतल ने अपनी बात खत्म की तो सब लोग उसकी ओर देखने लगे ।
" अरे तुम लोग मुझे ऐसे क्यूं देख रहे हो " सबकी घूरती नजरें अपनी ओर पाकर शीतल ने कहा ।
" जानकर खुशी हुई कि मैडम के दिमाग में काम की बातें भी आती है " । पि्या ने कहा तो शीतल का मूंह बन गया।
' थैंक्यू जान ' ये कहकर मीरा ' जानवी के गले लग गई।
" अच्छा सुनो ये बात हमारे बीच ही रहनी चाहिए , कि मीरा डांस में पार्ट ले रही है । " जानवी ने कहा तो सबने उसकी बात पर हामी भर दी ।.. फिर सब अपनी अपनी क्लास के लिए निकल गए ।
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राय चौधरी हवेली , अध्दविक का कमरा
अध्दविक अपने कमरे में बैठा लैपटॉप पर कुछ काम कर रहा था , कि तभी सुगंधा जी उसके कमरे में काॅफी लेकर आती है ।
" मां आपने क्यों तकलीफ़ की किसी सर्वेंट के हाथों भिजवा दिया होता " अध्दविक ने काॅफी का मग अपने हाथों में लेते हुए कहा । " दिन भर काम में लगा रहता है , थोड़ा तो अपना ख्याल रख " सुगंधा जी ने उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहा ।
" जब आप मेरा ख्याल रखने के लिए हो तो मुझे किसी बात की टेंशन नहीं " । अध्दविक हल्की सी इस्माइल के साथ कहा ।
" दादाजी को तुमसे कुछ जरूरी बात करनी है उनसे मिल लेना " । यह कहकर सुंगधा जी बाहर चली गई ।
रात के खाने के समय सब टेबल पर बैठे थे ।
" अध्दविक नहीं आया अभी तक , जा नायरा बुलाकर ले आ उसे " दादी ने कहा ।
" जी दादी " यह कहकर नायरा जैसे ही चेयर से उठी तो देखा , अध्दविक सीढ़ियों से नीचे ही आ रहा था ।
" लीजिए दादी आ गए आपके राजकुमार "
" आप लोगों ने खाना शुरू नहीं किया " अध्दविक ने चेयर पर बैठते हुए कहा ।
" बस सब तेरा ही इंतजार कर रहे थे " । वैसे इतनी देर कहां लग गई तुझे अनिकेत ने पूछा ।
" बस एक इम्पोर्टेंट काल अटैंड कर रहा था '!'
" आपको मुझसे कुछ जरूरी बात करनी थी दादाजी " अध्दविक ने पूछा तो दादाजी ने कहा " खाना खाने के बाद स्टडी रूम में आ जाना वहीं बात करेंगे ।
अध्दविक हां सिर हिलाकर हामी भर दी ।
डिनर के बाद अध्दविक और दादाजी स्टडी रूम में थे ।
" अब बताइए दादाजी आपको क्या ज़रूरी बात करनी थी । "
दादाजी ने एक लंबी सांस ली और कहना शुरू किया
" मेरा एक दोस्त है जो कि principal है और एक कालेज में कोई प्रतियोगिता है "। जिसमें वो मुझे चीफ़ गेस्ट बनाना चाहता था , तो मैंने उसे हां कह दिया । लेकिन जरूरी काम की वजह से मुझे अनिकेत के साथ बाहर जाना पड रहा है । इसीलिए मैं चाहता हूं कि तुम वहां चीफ़ गेस्ट बनकर जाओ । "
" पर दादाजी . . . . " दादाजी ने बीच में ही उसे रोकते हुए कहा . . . देखो अध्दविक मैं उसे जुबान दे चुका है , न मत करना' । "
" ठीक है दादाजी आपने जुबान दी है तो मैं जरूर जाऊंगा । "
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काश एक ख्वाहिश पूरी हो इबादत के बगैर ,
वो आके गले लगा ले मेरी इजाजत के बगैर !
मीरा ने भी डांस के लिए हामी भर दी । अध्दविक
ने भी चीफ गेस्ट बनने के लिए हां कर दी ।
क्या दोनों मिलेंगे या नहीं ? देखते है ।,, आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी नोवल
मीरा कलंक या प्रेम
( अंजलि झा )
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