मीरा , जानवी और प्रिया तीनों ही कैंटीन आ चुकी थी । , , , , , " अच्छा तू क्या खाएगी जान " , , , , , मीरा ने पूछा तो जानवी ने जवाब दिया , , , , , " दो समोसे , दो पेस्ट्री , टू बर्गर विथ चीज , वन कोल्ड ड्रिंक " बस इतना ही । "
" बस इतना ही " , , , , , , मीरा ने मजाकिया अंदाज में कहा ।
" हां बस इतना ही , तुझे तो पता है ना मीरा मैं आजकल डाइटिंग पर हूं । " , , , , , इतना कहकर जानवी ने अपनी बत्तीसी दिखा दी ।
मीरा ने उसके सर पर हल्की सी चपत लगाते हुए कहा , , , , , , " तू कभी नहीं सुधरने वाली " !
" जिस दिन हम सुधर गए न , ये दुनिया बदमाश हो जाएगी' " , , , , , , जानवी ने शायराना अंदाज़ में कहा , तो तीनों हंसने लगे ।
" तू और तेरी शायरी किसी दिन जान लेकर मानेगी । " मीरा ने कहा ।
तभी करण का गू्प भी कैंटीन में आया । उसकी नजर अचानक ही मीरा पर चली गई । वो चेयर पर बैठते हुए बस उसी की ओर देखता रहा , उसका मुस्कुराता हुआ चेहरा , बहुत ही आकर्षक लग रहा था । गालो को चूमती उसकी लटे जब उसे परेशान करती तो मीरा अपने हाथ बढ़ाकर कान के पीछे कर लेती । करण बडे गौर से उसे देखे जा रहा था ।
तभी करण के दोस्त रवि ने कहा , , , , , , " अरे गुरु किसे इतना ग़ौर से देख रहें हो ? " उसने उसे छेड़ते हुए आगे कहा , , , , , " कहीं करण मेहरा को उससे इश्क विश्क तो नहीं हो गया । "
करण ने रहस्यमी मुस्कुराहट के साथ कहा , , , , , " इश्क विश्क का फालतू चक्कर में नहीं रखता । " हां , पर जो चीज पसंद आ जाए , उसे छोड़ता भी नहीं । बला की खूबसूरत तो है ये , साथ ही साथ घायल कर देने वाली अदा " । . . . . . . अब जब तक इसे अपना नहीं बना लेता , चैन नहीं मिलने वाला इस दिल को । "
करण की नजरें मीरा पर ही थी । मीरा को इस बात का अंदाजा भी नहीं था , कि किसी की नजरें कब से उसे ही घूरे जा रही है । मीरा , जानवी और प्रिया अपने बातों में ही लगे थे , की तभी मीरा ने उठते हुए कहा , , , , , , "अच्छा तो मैं आर्डर दे कर आती हूं । " ये कहकर वो जा ही रही थी , कि तभी किसी चीज से टकराने से उसका बैलेंस बिगड़ा , वो जैसे ही गिरने को हुई , तो करण ने उसे संभाल लिया । इस वक्त करण के दोनों हाथ मीरा के कमर पर थे ।
मीरा के लिए उसकी छुअन बेचैन करने वाली थी । मीरा ने नजरें उठाई , तो देखा करण के चेहरे पर एक स्माइल थी , जिससे मीरा का गुस्सा बढ़ गया । उसने बिना वक्त गंवाए , अपने आप को संभाला और सीधी खड़ी हुई , और घूमते हुए एक जोरदार तमाचा रवि के गालों पर जड दिया ।
तमाचा इतना जोरदार था , कि इसकी गूंज पूरे कैंटीन में सुनाई दे रही थी । सभी की नजरें इस वक्त मीरा पर ही थी । रवि अपने हाथों से अपने गाल को सेहलाते हुए , बड़ी - बड़ी आंखें करके मीरा को ही देख रहा था । वो तो अब भी शाक्ड था ।
" क्या मुझे अब भी कुछ बताने की जरूरत है , कि मैंने तुम्हें ये तमाचा क्यों मारा ? मुझे लगता है मेरे शप्पड ने जवाब दे दिया होगा " , , , , , मीरा ने गुस्से भरी नज़र उसपर डालते हुए आगे कहा " , , , , , अपनी टांग अड़ा के , तुमने मुझे गिराने की जो घटिया हरकत की है न , ये उसी का जवाब है । आइंदा से ऐसी घटिया हरकत दोबारा मत करना वरना मुझसे बुरा कोई नहीं होगा । " मीरा उनसे ये कह ही रही थी कि इतने में जानवी और प्रिया भी वहां आ गए ।
" Are you all right मीरा , " जानवी ने पूछा तो मीरा ने हम्म्म्म् . . . . में जवाब दिया ।
" चलो हमें अब यहां से चलना चाहिए " । प्रिया ने कहा तो मीरा ने एक गुस्से वाली नजर करण पर डाली , और सबके साथ बाहर चली आई ।
उधर कैंटीन में रवी ने करण को गुस्से से देखते हुए कहा , , , , , , " तू मेरा दोस्त है या दुश्मन " , वो लड़की मुझे थप्पड़ मार कर चली गई , और तू बस मुस्कुराते हुए देखता रहा ! उल्टा मुझे भी चुप रहने का इशारा कर दिया । ये सब तो मैंने तेरे लिए ही किया था , मगर तू भी मेरा तमाशा बनते देखता रहा । "
" साला पूरी इज्जत का कचरा कर दिया कालेज के सामने " एक तो पहले ही कोई लड़की भाव नहीं डालती थी , अब तो कोई घास भी नहीं डालेगी "। , , , , , , रवि ने रोनी सी सूरत बनाते हुए कहा ।
" गुरु ये तो आइटम नहीं एटम बोम्ब निकली " , , , , , करण के दूसरे दोस्त विकी ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा ।
" तुम लोग जानते नहीं करण मेहरा क्या चीज़ है. . . .। बस देखते जाओ , बहुत जल्द में इसे अपना बनाउंगा । " वैसे आज जो तूने किया उसके लिए थैंक्स " । , , , , , , ये कहते वक्त उसके चेहरे पर एक खतरनाक इस्माइल थी । . . . . .
मीरा अपनी क्लास खत्म कर दोस्तों के साथ बाहर आई , तो किसी ने उसे आवाज दी । मीरा ने मुड़कर देखा और हैरानी से कहा , , , , , " तुम तो वहीं हो न " । . . . . . वो इतना कहकर रूकी , तो उस लड़के ने कहा " , , , , , मेरा नाम प्रियांशु है , और में वही हूं जिसने सीनियर्स के कहने पर आपसे वो सब कहा । मैं आपसे sorry और thank you कहने आया हु " । , , , , , , ये कहते हुए उसकी नजरे शर्म से नीचे थी ।
" Sorry तो तुम मुझे पहले बोल चुके हो , अब ये दोबारा sorry और thank you किसलिए " , , , , , मीरा ने सवालिया लहजे में पूछा ।
प्रियांशु ने विनम्रता कहा , , , , , " sorry इसलिए क्योंकि किसी के कहने पर ही सही , लेकिन गलती तो मैंने की , और thank you इसलिए क्योंकि आपकी जगह कोई और होती तो , अब तक मेरे गालो पर थप्पड़ पड चुका होता , मगर आपने कुछ रिएक्ट नहीं किया । "
" इसमें तुम्हारी गलती नहीं थी , और तुम्हें इस बात के लिए पछताने की जरूरत नहीं है । तुम ख़ुद अच्छे हो , इसलिए तुमने गलती न होने पर भी माफी मांगी " , , , , , मीरा ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया ।
" आप सच में बहुत अच्छी है मीरा जी । अगर मेरी कभी जरूरत पडे तो जरूर बताइएगा " मैं चलता हूं ।
" अरे तू कहां खो गई ' , , , , , , ये कहते हुए जानवी ने प्रिया के आंखों के सामने अपना हाथ हिलाया । प्रिया ने हकलाते हुए कहा " , , , कहीं नहीं . . . कहीं भी नहीं . . . "
प्रिया उन दोनों को बाय कहकर चली गई । " हमें भी चलना चाहिए जान , बहोत दिन हो गए बच्चों से मिले हुए " , , , , , मीरा ने कहा और प्रिया के साथ कालेज के बाहर आ गई ।
जानवी ने स्कूटी स्टार्ट की और कुछ ही देर में दोनों सरिता अनाथालय के आगे आकार रूके । पिछले कुछ सालों से दोनों अक्सर यहां आती थी । बच्चों के साथ कुछ समय बिताती , और उन्हें कुछ न कुछ जरूर सिखाती । बच्चे भी उन्हें बहुत प्यार करते थी , बहुत प्यार करते । बच्चों ने जब दोनों को देखा , तो वह बहुत खुश हुए , वो दौड़ कर उनके पास चले आए । दोनों नीचे झुकी और बच्चे को गले से लगा लिया ।
एक बच्ची ने शिकायत करते हुए कहा , , , , " दी हम आपसे नाराज हैं । आप इतने दिनों बाद आए , हम से मिलने । " . . . . मीरा और जानवी ने अपने अपने कान पकड़े , और बच्चों की तरह मनाते हुए बोली " , , , , , इस बार माफ कर दो , आगे से ऐसा नहीं करेंगे ,और आपसे जल्दी मिलने आएंगे । " , , , , , तभी दूसरे बच्चे ने कहा . . . . . " ऐसे नहीं दी " पहले आप कुछ गा के सुनाओ , उसके बाद माफी मिलेगी । मीरा उन्हें देखकर मुस्कुराईं और गाना शुरू किया . . . . . .
हा . . हा . .
हा . . हा . .
मेरी तुम्हारी ख़्वाब वो सारे ,
देखे जो सच होंगे याही ,
होंगे जुदा न तुमने कहा था ,
आयेगा पर ये सोचा नहीं ,
ये भी कहा था तुमने मुझे मैं ,
दूर न जाउंगा ,
दिल को मेरे न समझ आया ,
तेरा बिन बोले चले जाना ,
कभी तुम्हें याद मेरी आए ,
राह से मेरी गुजर जाना . . . . .
हा . . हा . .
तुम अगर मनाओगे ,
तो मान जाउंगी ,
मैं तेरे बुलाने पे ,
लौट आऊंगी ,
हर सफर में साथ तेरा ,
मैं यूं ही निभाऊंगी . . . . .
कभी तुम्हें याद मेरी आए ,
पलकों को अपनी उठा लेना ,
साफ दिखूंगी मैं तुमको वही ,
जो न दिखूं तो बताता देना ,
कभी मुझे डर जो हो जाए ,
वक्त को थोड़ा बच्चा लेना ,
फिरसे मिलूंगी मैं तुमको वही ,
जो ना मिलू तो सजा देना ,
मिमी . . . मिमी . . .
तुम अगर मनाओगे तो मान जाउंगी ,
मैं तेरे बुलाने पर लौटूं आऊगी ,
हर सफर में साथ तेरा ,
मैं यूं ही निभाऊंगी ,
कभी तुम्हें याद मेरी आए ,
पलको से जुल्फ हटा लेना ,
साफ दिखूंगी मैं तुमको वही ,
जो ना दिखूं तो बता देना ,
( मीरा गा रही थी , और बच्चे उसे ध्यान से सुन रहे थे ।उसे बच्चों के साथ अच्छा महसूस होता था । वो अक्सर अपने ग़म उनकी मुस्कुराहट में कुछ समय के लिए भूल जाती थी । )
कभी मुझे डर जो हो जाए ,
वक्त को थोड़ा बचा लेना ,
फिर से मिलूंगी मैं तुमको वही ,
जो ना मिलू तो सजा देना ,
मेरी जमीन को तेरे कदम का ,
ना जाने कब से था इंतजार ,
एक ना एक दिन आना है तुमको ,
दिल को मेरे है ये ऐतबार ,
मैं खुदा से तेरे सिवा ,
कुछ और ना मगुंगी ,
कभी तुम्हें याद मेरी आए ,
इतनी सी बात समझ जाना ,
फिर से मिलूंगी मैं तुमको वही ,
राह से मेरी गुजर जाना ।।
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मीरा के जवाब से करण को एहसास हो गया होगा कि मीरा उन लड़कियों में से नही है जो उसकी बातों में आसानी से आ जाएगी ।
अब देखना ये होगा की करण के पास मीरा के जवाब का क्या तोड होगा ?
आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी नोवल
मीरा कलंक या प्रेम
( अंजलि झा )
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