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कैंटीन में हंगामा

22 मार्च 2023

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मीरा , जानवी और प्रिया तीनों ही कैंटीन आ चुकी थी । , , , , ,  " अच्छा तू क्या खाएगी जान " , , , , ,  मीरा ने पूछा तो जानवी  ने जवाब दिया , , , , , "  दो समोसे ,  दो पेस्ट्री  , टू बर्गर विथ  चीज , वन कोल्ड ड्रिंक "   बस इतना ही । "

" बस इतना ही " , , , , , , मीरा ने मजाकिया अंदाज में कहा ।

" हां बस इतना ही , तुझे  तो पता है ना मीरा मैं आजकल डाइटिंग पर हूं । " , , , , , इतना कहकर जानवी ने अपनी बत्तीसी दिखा दी ।

मीरा ने उसके सर पर हल्की सी चपत लगाते हुए कहा , , , , , , " तू कभी नहीं सुधरने वाली " !

" जिस दिन हम सुधर गए न , ये दुनिया बदमाश हो जाएगी' " , , , , , , जानवी ने शायराना अंदाज़ में कहा , तो तीनों हंसने लगे ।

" तू और तेरी शायरी किसी दिन जान लेकर मानेगी । " मीरा ने कहा ।

तभी करण का गू्प भी कैंटीन में आया । उसकी नजर अचानक ही मीरा पर चली गई । वो चेयर पर बैठते हुए बस उसी की ओर देखता रहा , उसका मुस्कुराता हुआ चेहरा , बहुत ही आकर्षक लग रहा था । गालो को चूमती उसकी लटे जब उसे परेशान करती तो मीरा अपने हाथ बढ़ाकर कान के पीछे कर लेती । करण बडे गौर से उसे देखे जा रहा था ।

तभी करण के  दोस्त रवि ने कहा , , , , , , " अरे गुरु किसे इतना ग़ौर से देख रहें हो ? " उसने उसे छेड़ते हुए आगे कहा , , , , , " कहीं करण मेहरा को उससे इश्क विश्क तो नहीं हो गया । "

करण ने रहस्यमी मुस्कुराहट के साथ कहा , , , , ,  " इश्क विश्क का फालतू चक्कर में नहीं रखता । " हां , पर जो चीज पसंद आ जाए , उसे छोड़ता भी नहीं । बला की खूबसूरत तो है ये , साथ ही साथ घायल कर देने वाली अदा " । . . . . . . अब जब तक इसे अपना नहीं बना लेता , चैन नहीं मिलने वाला इस दिल को । "

 करण की नजरें मीरा पर ही थी । मीरा को इस बात का अंदाजा भी नहीं था , कि किसी की नजरें कब से उसे  ही घूरे जा रही है । मीरा , जानवी और प्रिया  अपने बातों में ही लगे थे , की तभी मीरा ने उठते हुए कहा , , , , , ,  "अच्छा तो मैं आर्डर दे कर आती हूं । " ये कहकर वो जा ही रही थी , कि तभी किसी चीज से टकराने से उसका बैलेंस बिगड़ा , वो जैसे ही गिरने को हुई , तो करण ने उसे संभाल लिया । इस वक्त करण के दोनों हाथ मीरा के कमर पर थे ।

मीरा  के लिए उसकी  छुअन  बेचैन करने वाली थी । मीरा ने नजरें उठाई , तो देखा करण के चेहरे पर एक स्माइल  थी , जिससे मीरा का गुस्सा बढ़ गया । उसने बिना वक्त गंवाए , अपने आप को संभाला और सीधी खड़ी हुई , और घूमते हुए एक जोरदार तमाचा रवि के गालों पर जड दिया ।

 तमाचा इतना जोरदार था , कि इसकी गूंज पूरे कैंटीन में सुनाई दे रही थी । सभी की नजरें इस वक्त मीरा पर ही थी । रवि अपने हाथों से अपने गाल को सेहलाते हुए , बड़ी - बड़ी आंखें करके मीरा को ही देख रहा था । वो तो अब भी शाक्ड था ।

" क्या मुझे अब भी कुछ बताने की जरूरत है , कि मैंने तुम्हें ये तमाचा क्यों मारा ? मुझे लगता है मेरे शप्पड ने जवाब दे दिया होगा  " , , , , , मीरा ने गुस्से भरी नज़र उसपर डालते हुए आगे कहा " , , , , ,  अपनी टांग अड़ा के , तुमने मुझे गिराने की जो घटिया हरकत की है न , ये उसी का जवाब है । आइंदा से ऐसी घटिया हरकत दोबारा मत करना  वरना मुझसे बुरा कोई नहीं होगा । " मीरा उनसे ये कह ही रही थी कि इतने में जानवी और प्रिया भी वहां आ गए । 

" Are you all right मीरा , " जानवी ने पूछा तो मीरा ने हम्म्म्म् . . . .  में जवाब दिया ।

" चलो हमें अब यहां से चलना चाहिए " । प्रिया ने कहा तो मीरा ने एक गुस्से वाली नजर करण पर डाली , और सबके साथ बाहर चली आई । 

   उधर कैंटीन में रवी ने करण को गुस्से से देखते हुए कहा , , , , , , " तू मेरा दोस्त है या दुश्मन " , वो लड़की मुझे थप्पड़ मार कर चली गई , और तू बस मुस्कुराते हुए देखता रहा ! उल्टा मुझे भी चुप रहने का इशारा कर दिया ।  ‌‌ये सब तो मैंने तेरे लिए ही किया था , मगर तू भी मेरा तमाशा बनते देखता रहा । "

" साला पूरी इज्जत का कचरा कर दिया कालेज के सामने " एक तो पहले ही कोई लड़की भाव नहीं डालती थी , अब तो कोई घास भी नहीं डालेगी "। , , , , , , रवि ने रोनी सी सूरत बनाते हुए कहा ।

" गुरु ये तो आइटम नहीं एटम बोम्ब निकली " , , , , , करण के दूसरे दोस्त विकी ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा ।

" तुम लोग जानते नहीं करण मेहरा क्या चीज़ है. . . .। बस देखते जाओ , बहुत जल्द में इसे अपना बनाउंगा । " वैसे आज जो तूने किया उसके लिए थैंक्स "  । , , , , , , ये कहते वक्त उसके चेहरे पर एक खतरनाक इस्माइल थी । . . . . . 

   ‌‌   मी‌रा अपनी क्लास खत्म कर दोस्तों के साथ बाहर आई , तो किसी ने उसे आवाज दी । मीरा ने मुड़कर देखा और हैरानी से  कहा , , , , , " तुम तो वहीं हो न " । . . . . . वो इतना कहकर रूकी , तो उस लड़के ने कहा " , , , , ,  मेरा नाम प्रियांशु है , और में वही हूं जिसने सीनियर्स के कहने पर आपसे वो सब कहा । मैं आपसे sorry और thank you कहने आया हु " । , , , , , , ये कहते हुए उसकी नजरे शर्म से नीचे थी ।

" Sorry तो तुम मुझे पहले बोल चुके हो , अब ये दोबारा sorry  और thank you किसलिए " , , , , , मीरा ने सवालिया लहजे में पूछा ।

प्रियांशु ने विनम्रता कहा  , , , , , " sorry  इसलिए क्योंकि किसी के कहने पर ही सही , लेकिन गलती तो मैंने की , और thank you  इसलिए क्योंकि आपकी जगह कोई और होती तो , अब तक मेरे गालो पर थप्पड़ पड  चुका होता , मगर आपने कुछ रिएक्ट नहीं किया । "

" इसमें तुम्हारी गलती नहीं थी , और तुम्हें इस बात के लिए पछताने की जरूरत नहीं है ।  तुम ख़ुद अच्छे हो , इसलिए तुमने गलती न होने पर भी माफी मांगी " , , , , , मीरा ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया ।

" आप सच में बहुत अच्छी है मीरा जी । अगर मेरी कभी जरूरत पडे तो जरूर बताइएगा " मैं चलता हूं ।

" अरे तू कहां खो गई '  , , , , , , ये कहते हुए जानवी ने प्रिया के आंखों के सामने अपना हाथ हिलाया । प्रिया ने हकलाते हुए कहा " , , , कहीं नहीं . . . कहीं भी नहीं . . . "

प्रिया उन दोनों को बाय कहकर चली गई । " हमें भी चलना चाहिए जान , बहोत दिन हो गए बच्चों से मिले हुए " , , , , , मीरा ने कहा और प्रिया के साथ कालेज के बाहर आ गई ।

जानवी ने स्कूटी स्टार्ट की और कुछ ही देर में दोनों सरिता अनाथालय के आगे आकार रूके । पिछले कुछ सालों से दोनों अक्सर यहां आती थी । बच्चों के साथ कुछ समय बिताती , और उन्हें कुछ न कुछ जरूर सिखाती । बच्चे भी उन्हें बहुत प्यार करते थी , बहुत प्यार करते । बच्चों ने जब दोनों को देखा , तो वह बहुत खुश हुए , वो दौड़ कर उनके पास चले आए । दोनों नीचे झुकी और बच्चे को गले से लगा लिया ।

 एक बच्ची ने शिकायत करते हुए कहा , , , , " दी हम आपसे  नाराज हैं । आप इतने दिनों बाद आए , हम से मिलने ।  " . . . . मीरा और जानवी ने अपने अपने कान पकड़े , और  बच्चों की तरह  मनाते हुए बोली " , , , , , इस बार माफ कर दो , आगे से ऐसा नहीं करेंगे  ,और आपसे जल्दी मिलने आएंगे । " , , , , ,  तभी  दूसरे बच्चे ने कहा . . . . .  " ऐसे नहीं दी " पहले आप कुछ गा के सुनाओ , उसके बाद माफी मिलेगी । मीरा उन्हें देखकर मुस्कुराईं और गाना शुरू किया . . . . . . 

हा . . हा . .

हा . . हा . .

मेरी तुम्हारी ख़्वाब वो सारे ,

देखे  जो सच होंगे याही ,

होंगे जुदा न तुमने कहा था ,

आयेगा पर ये सोचा नहीं ,

ये भी कहा था तुमने मुझे मैं ,

दूर न जाउंगा ,

दिल को मेरे न समझ आया ,

तेरा बिन बोले चले जाना ,

कभी तुम्हें याद मेरी आए ,

राह से मेरी गुजर जाना . . . . . 

हा . . हा . .


तुम अगर मनाओगे ,

तो मान जाउंगी ,

मैं तेरे बुलाने पे ,

लौट आऊंगी ,


हर सफर में साथ तेरा ,

मैं यूं ही निभाऊंगी . . . . .

कभी तुम्हें याद मेरी आए ,

पलकों को अपनी उठा लेना ,

साफ दिखूंगी मैं तुमको वही ,

जो न दिखूं तो बताता देना ,


कभी मुझे डर जो हो जाए ,

वक्त को थोड़ा बच्चा लेना ,

फिरसे मिलूंगी मैं तुमको वही ,

जो ना मिलू तो सजा देना ,


मिमी . . . मिमी . . . 

तुम अगर मनाओगे तो मान जाउंगी ,

मैं तेरे बुलाने पर लौटूं आऊगी ,

हर सफर में साथ तेरा ,

मैं यूं ही निभाऊंगी ,


कभी तुम्हें याद मेरी आए ,

पलको से जुल्फ हटा लेना ,

 साफ दिखूंगी मैं तुमको वही ,

जो ना दिखूं तो बता देना ,

( मीरा गा रही थी , और बच्चे उसे ध्यान से सुन रहे थे ।उसे बच्चों के साथ अच्छा महसूस होता था । वो अक्सर अपने ग़म उनकी मुस्कुराहट में कुछ समय के लिए भूल जाती थी । )

कभी मुझे डर जो हो जाए ,

वक्त को थोड़ा बचा लेना ,

फिर से मिलूंगी मैं तुमको वही ,

जो ना मिलू तो सजा देना ,

मेरी जमीन को तेरे कदम का ,

ना जाने कब से था इंतजार ,

एक ना एक दिन आना है तुमको ,

दिल को मेरे है ये ऐतबार ,


मैं खुदा से तेरे सिवा ,

कुछ और ना मगुंगी ,

कभी तुम्हें याद मेरी आए ,

इतनी सी बात समझ जाना ,

फिर से मिलूंगी मैं तुमको वही ,

 राह से मेरी गुजर जाना ।।

* * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * 

मीरा के जवाब से करण को एहसास हो गया होगा कि मीरा उन लड़कियों में से नही है जो उसकी बातों में आसानी से आ जाएगी । 

अब देखना ये होगा की करण के पास मीरा के जवाब का क्या तोड होगा ?

आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी नोवल

मीरा कलंक या प्रेम
( अंजलि झा )

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रचनाएँ
Meera kalank ya prem की डायरी
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हुगली नदी के किनारे बसा मशहूर शहर पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता । यह शहर अपने आप में ही खास है । प्रकृति ने कई खूबसूरत चीजों से नवाजा है इसे , इसकी खूबसूरती देखने लायक है । जैसे हावड़ा ब्रिज , मानसरोवर झील , विक्टोरिया मेमोरियल , बाबूघाट इत्यादि । इन सबके साथ एक ऐसी जगह भी है । जिसे शरीफ लोग घृणा की नजर से देखते हैं , और वह है राजेश्वरी बाई का कोठा । यहां के आसपास का वातावरण काफी मनमोहक है । बीना से निकली संगीत की धुन , पांव में बजते घुंघरू की आवाजें , गजरे में लगे चमेली के फूलों की महक , और आसपास तितलियों की तरह मंडराती सजी सबरी बन ठन कर बैठी लड़कियां , किसी स्वर्ग की अप्सरा से कम नहीं लग रही । कुछ ऐसा ही माहौल यहां अक्सर रहता है । यहां की रातों का तो कहना ही क्या . . . . ? शाम ढले यहां की चमक धमक और भी ज्यादा बढ़ जाती है । यहां प्यार शब्द का कोई मतलब नहीं ।
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राजेश्वरी बाई का कोठा

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मीरा का जन्म

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दिन बीतते गए । समय गुजरता गया । न समय बदला न परिस्थितियां ।लगभग 1 महीने बाद :गायत्री अपने कमरे मे जमीन पर लेटी दर्द से कराह रही थी । लगता है उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो चुकी थी ।नैना जब उसके कमरे में नाश्

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19 साल बाद

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19 साल बादवक्त बीतता गया , , , , , , , मीरा अब पूरे 19 साल की हो चुकी थी । उसने बड़े ही अच्छे नंबरों से अपनी 12 वीं की परीक्षा भी पास कर ली थी , और कोलकाता के ही कॉलेज में ग्रेजुएशन के लिए first year

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पहली मुलाकात

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मीरा घर से बाहर आती है , तो सामने किसी को देखकर उसके चेहरे पर एक बड़ी सी इस्माइल आ जाती है। " सामने एक लड़की अपनी स्कूटी लेकर खडी मुस्कुरा रही थी " . . . ।" जान " यह कहकर मीरा दौड़कर उसके गले जा लगती

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राजकुमार का स्वागत

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अध्दविक और जय हवेली पहुंचते हैं । अध्दविक की गाड़ी राय चौधरी मेंशन के आगे आकर रुकती है । बड़े ही खूबसूरत तरीके से पूरी हवेली को सजाया गया था । बडे़ ही धूमधाम से स्वागत की तैयारियां की गई थी , और

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कालेज का पहला दिन

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सब बातें करके अपने रूम में चले गए । जय भी अपने रूम की तरफ जाने लगा , तो उसे कुछ याद आया , और वह अध्दविक के कमरे की ओर चल दिया । वो जेसे ही कमरे में पहुंचा , , , , , किसी ने उसके पेट

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कैंटीन में हंगामा

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अनाथालय

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बच्चों ने ज़िद की तो मीरा ने उनके लिए गाना गाया ! बच्चे बहुत खुश थे और उन्हें देखकर मीरा और जानवी भी खुश थे।" अरे मीरा और जानवी बेटा आप लोग कब आए ? "पीछे से किसी ने सवाल किया तो जानवी और मीरा ने मुड़क

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डांस काम्पडिशन इन कालेज

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लगभग तीन महीने बीत गए । अध्दविक और जय ने मिलकर अपना बिजनेस काफी फैला लिया था । उनका बिजनेस तो पहले से ही आस्ट्रेलिया में फैला हुआ था , इसलिए उन्हें यहां ज्यादा परेशानी नहीं हुई । देखते ही देखते टाप कं

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दूसरी मुलाकात

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मीरा का कालेजमीरा और जानवी अपनी क्लास खत्म कर लाइब्रेरी की ओर जा रही थी , की तभी उन्हें शीतल मिल गई ।" मीरा मुझे तुम्हें कुछ बताना था " शीतल ने उसे रोकते हुए कहा ।" हां कहो , क्या बताना था तुम्हें " म

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