नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख क्रिस्टीन लगार्ड को फ्रांस की एक अदालत ने भ्रष्टाचार में शामिल पाया लेकिन उन्हें सजा नही डी गई। उन पर आरोप है कि उन्होंने 2008 में फ्रांस के वित्त मंत्री रहते हुए एक कंपनी के विवादास्पद सौदे में एक व्यापार ी बैर्नार टपेई को 40 करोड़ 40 लाख यूरो यानी करीब 42 करोड़ 90 लाख डॉलर अदा करने की मंज़ूरी दी थी। क्रिस्टीन लगार्ड इस आरोप से इनकार करती रही हैं और फ़ैसले के वक्त वो अदालत में मौजूद नहीं थीं।
शुक्रवार को क्रिस्टीन लगार्ड ने कहा था कि उन्होंने हमेशा सही मंशा से काम किया है और पिछले पांच साल से उन पर जो संदेह किया गया वो कठिन परीक्षा की तरह था। 60 वर्षीय क्रिस्टीन लगार्ड पर सरकारी पद पर रहते हुए लापरवाही बरतने का आरोप था। उन पर सीधे भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है बल्कि सरकारी फंड का दुरुपयोग करने का आरोप है. जिसके लिए उन्हें एक साल जेल और 15 हज़ार यूरो का जुर्माने की सज़ा मिल सकती थी लेकिन वो बिना किसी आपराधिक रिकॉर्ड के ही छूट गई हैं।
समाचाए एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ फ़ैसले को समझाते हुए जज मार्टीन रैक्ट मैडू ने कहा कि उनकी अच्छी छवि और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी भूमिका भी इसकी वजहें हैं। ये मामला 1990 के दशक का है जब एडिडास कंपनी के प्रमुख शेयर धारक बैर्नार टपेई ने कंपनी बेचने के सौदे में सरकारी बैंक पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। इस विवाद में उन्हें मुआवज़े में सरकार से पैसा मिला था जो कि बाद में एक अदालत ने लौटाने का आदेश दिया था।
(साभार बीबीसी )