लखनऊ : मर्दो द्वारा बनाए गए सामाजिक नियम महिलाओं को हीन बताते है इस हीनता से छुटकारा पाने का एक ही तरीका है कि महिलाएं मर्दो के वर्चस्व को तोड़ दें. यह कर दिखाया दो साल की बच्ची की मां सिमरनजीत ने, अपने बाइक राइडिंग के शौक को अपना पैशन बना लिया.
महिला की हकदारी के सार्थक प्रयास
सिमरन कहती है कि 'हौसलों की उड़ान कभी नाकामियाब नहीं होती'. इसके लिए हमने गर्ल्स बाइकर्स ग्रुप बनाया जिसका नाम 'बाइकरनी' रखा गया. इसमें ज्यादातर ग्रर्ल्स हमारे ग्रुप से जुड़ी हैं. हमारा मोटिव लड़कियों को लड़को के बराबर खड़ा करना हैं . ताकि कोई यह न कह सके कि सिर्फ लड़के ही बाइक चला सकते हैं. लखनऊ के इस बाइकरनी ग्रुप में कुल 12 महिलाएं हैं. इंटरनेशनल वुमेन्स डे हर साल एक नई थीम के साथ मनाते है इस बार बाइकरनी ग्रुप विमिन एंपावरमेंट के लिए ग्रुप में आएगें . और इस थीम का लक्ष्य महिलाओं द्वारा किए जा रहे संघर्ष की ओर ध्यान खींचना और उनके हकदारी के सार्थक प्रयास करना हैं.
पति ने पत्नि के लिए खरीदा कावासाकी निंजा
वो कहते है ना कि ''किसी चीज को शिद्दत से चाहो, तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की कोशिश में लग जाती है.'' यहां भी कुछ ऐसा ही हुआ. पत्नी सिमरनजीत की शिद्दत थी कि उसके पास कावासाकी निंजा हो . उसकी इस शिद्दत को पूरा करने के लिए उनके पति परमजीत सिंह 'कायनात' बन गए.