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अनुच्छेद 370 समाप्त होने के पहले व बाद की स्थितियां

16 दिसम्बर 2023

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अनुच्छेद 370 की समाप्ति के पूर्व व बाद की स्थितियां निम्नवत हैंः-

1. जम्मू-कश्मीर में पहले दोहरी नागरिकता का प्रावधान था, पर अब दोहरी नागरिकता समाप्त कर एकल नागरिकता प्रदान की गई है।

2. पहले जम्मू-कश्मीर में अलग संविधान व ध्वज था, परंतु अब अलग संविधान व ध्वज के प्रावधान को खत्म किया गया है और तिरंगा व राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध माना गया है।

3. पहले जम्मू-कश्मीर प्रदेश के बाहर के लोगों को वहां जमीन खरीदने, सरकारी नौकरी पाने व संस्थानों में दाखिला लेने का प्रावधान नहीं था, लेकिन अब देश का प्रत्येक नागरिक वहां संपत्ति खरीद सकता है, कार्य-व्यापार, खेती-किसानी कर सकता है व नौकरी पा सकता है।

4. पहले जम्मू-कश्मीर विधानसभा का कार्यकाल छह साल का था और भारतीय संविधान के अनुसार वहां सीमित दायरे में ही कानून बनाया जा सकता था, परंतु अब जम्मू-कश्मीर दिल्ली की तरह राज्य हो गया है और लद्दाख चंड़ीगढ़ की तरह पूर्णरूपेण केद्रशासित प्रदेश।

5. पहले रक्षा, विदेशी मामले और संचार के अलावा किसी कानून को लागू करवाने के लिए केंद्र सरकार को राज्य सरकार की मंजूरी लेनी होती थी, पर अब हर मामले में केंद्र का बनाया कानून दोनों राज्यों में समान रूप से लागू हो रहा है।

6. पहले जम्मू-कश्मीर का अपना राज्यपाल होता था, जिसकी नियुक्ति केंद्र करता था, परंतु अब जम्मू-कश्मीर व लद्दाख दोनों के लिए अलग-अलग उपराज्यपाल का पद होगा।

7. पहले राज्य की पुलिस राज्य सरकार के अधीन थी, किंतु अब राज्य की पुलिस केद्र के अधिकार क्षेत्र में रहेगी। जम्मू-कश्मीर कैडर के आइपीएस व आइएएस अधिकारी यूटी कैडर के अधिकारी कहलाते हैं।

8. पहले जम्मू-कश्मीर की कोई महिला भारत के किसी अन्य राज्य के पुरुष से शादी करती थी, तो उस महिला की जम्मू-कश्मीर की नागरिकता खत्म हो जाती थी, पर अब किसी राज्य के पुरुष से शादी के बाद जम्मू-कश्मीर की महिला के अधिकार व नागरिकता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है।

9. इसके विपरीत कोई कश्मीरी महिला पाकिस्तान के किसी व्यक्ति से शादी करती थी, तब उसके पाकिस्तानी पति को भी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जाती थी, लेकिन अब पाकिस्तानी नागरिकों को दिया गया विशेषाधिकार खत्म हो गया है।

10. पहले राज्य में आपातस्थिति में राज्यपाल शासन लगाए जाने का प्रावधान था, परंतु अब वहां आर्टिकल 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।

11. पहले जम्मू-कश्मीर में हिंदू, सिक्ख आदि अल्पसंख्यकों को 16 फीसदी आरक्षण का लाभ नहीं मिलता था, पर अब अजा, अजजा, अपिव और अल्पसंख्यकों को आरक्षण का लाभ उसी तरह मिलने लगा है, जिस तरह अन्य राज्यों के नागरिकों को मिलता है।

12. पहले जम्मू-कश्मीर में सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार और सीएजी कानून लागू नहीं होता था, अब वे सारे कानूनी अधिकार लागू होते हैं, जो अन्य राज्यों को प्राप्त हैं।

13. पहले जम्मू-कश्मीर में रणबीर दंड संहिता लागू थी, पर अब भारतीय दंड संहिता सहित सभी संहिता, कानून और उसके संशोधन लागू होते हैं।

14. पहले जम्मू-कश्मीर में भारतीय राज्यों का कोई व्यक्ति न मतदाता बन सकता था, न चुनावों में उम्मीदवार, पर अब भारत का नागरिक जम्मू-कश्मीर का मतदाता और चुनाव में प्रत्याशी बन सकता है।

15. पहले वहां सुप्रीमकोर्ट के फैसले मान्य नहीं होते थे, परंतु अब सर्वोच्च कोर्ट के फैसले दोनों केंद्रशासित प्रदेशों मे ंसमान रूप से मान्य होते हैं।

16. पहले वहां 73वां और 74वां संवैधानिक संशोधन विधेयक लागू नहीं था, पर अब पंचायतों व स्थानीय निकायों को अधिकार देनेवाला 73वां व 74वां संवैधानिक संशोधन विधेयक जम्मू-कश्मीर में भी लागू हो गया हैं, जिसके तहत पंचायतों के चुनाव संपन्न हुए हैं।

17. आतंकवाद की वजह से पहले पर्यटन उद्योग ठप पड़ा था, लेकिन अब पर्यटन उद्योग को नवजीवन मिल गया है। इससे जहां स्थानीय कश्मीरियों को रोजगार मिला है, वहीं भारतीय नागरिक जम्मू-कश्मीर को जानने-समझने लगे हैं।

18. आतंकवाद के चलते पहले फिल्म उद्योग बंद हो गया था। सिनेमाघरों मे ं1989-90 से ताला जड़ा था, पर अब वहां भी थियेटर चालू हो गए हैं और बालीवुड, तमिल, तेलुगु व बांग्ला आदि फिल्मों की शूटिंग का रास्ता साफ हो गया है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिल रहा है।

19. पहले कंेद्रीय कर्मियों को समुचित लाभ नहीं मिलता था, पर अब केंद्रीय कर्मियों को एटीसी, हाउस रेंट अलाउंस, एजुकेशन अलाउंस, हेल्थ स्कीम जैसी अनेक सुविधाओं का लाभ मिलने लगा है।

20. पहले निजी उद्योग नहीं के बराबर थे, पर अब निजी उद्योगों को पंख लग गए हैं और लोगों को रोजगार सुलभ हो रहे हैं।

21. जम्मू-कश्मीर में पहले निजी शिक्षण संस्थान व विश्वविद्यालय नगण्य थे, लेकिन अब दोनों प्रदेशों में निजी शिक्षण संस्थानों व विश्वविद्यालयों में वृद्धि होने लगी है, जिससे शिक्षा के स्तर मे ंसुधार होने के साथ-साथ रोजगार की संभावनाएं बढ़ी हैं।

22. पहले जम्मू-कश्मीर में खेल गतिविधियों पर विराम लग गया था, पर अब दोनों प्रदेशों के खिलाड़ियों के लिए खेल-सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।

23. पहले दिन-ब-दिन पत्थरबाजी होती थी, पर अब पत्थरबाजी में विराम लग गया है और वहां का युवा मेनस्ट्रीम में समाहित हो रहा है।

24. पहले जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद की बयार बह रही थी। अलगाववादी नेता जब-तब वहां आदोलन करते रहते थे, पर अब अलगाववादी गतिविधियों को सख्ती से रोका गया है और कई अलगाववादियों को जेल भिजवा दिया गया है।

25. 1980 के दशक में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पनपा था, जो अब सैन्यबलों की मुस्तैदी की वजह से आतंकवाद अंतिम सांसें गिन रहा है।

पुस्तक का तीसरा अध्याय पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद। कृपया फालो कीजिए, समीक्षा लिखिए और लाइक, कमेंट व शेयर करने का कष्ट करिए।

अगले अध्याय में पढ़िए 11 दिसंबर 2023 का सुप्रीम कोर्ट का वो ऐतिहासिक फैसला, जो ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूती प्रदान करता है।


--निरंतर--


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