निर्मल वर्मा के ये साक्षात्कार 2 पुस्तकों में पूर्वप्रकाशित हैं। पहली पुस्तक 1998 में किताबघर की श्रृंखला 'मेरे साक्षात्कार' के लिए उन्होंने स्वयं तैयार की थी। इसमें उन्होंने हिन्दी और अंग्रेज़ी में दिये अपने साक्षात्कार शामिल किये थे। दूसरी पुस्तक ‘स
द्वितीय विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि में किशोर वय के प्रेमियों की कोमल-करुणहाथा शुरू होती है, जिसमे ईसाई लड़का एक यहूदी लड़की को अपने पढ़ने की कोठरी में छिपा देता है,ताकि वह कन्संट्रेशन केंप भेजे जाने से बच जाए। धीरे-धीरे कोठरी के बाहर का जीवन कोठरी के भीतर
Shatabdi Ke Dhalte Varshon Mein [paperback] Nirmal Verma [Jan 01, 2017] Read more
Nagarjun Ka Rachana Sansar Read more
हर बड़े शायर को कड़ी आज़माइशों से गुजरना पढ़ता है। मीर को अपनी अज़मत के इज़हार के लिए अजगर नामा लिखने की जरूरत पड़ी। गालिब ने क्या-क्या आर्का आराइयाँ की। फ़ैज़ जिन्हें उनकी ज़िन्दगी में मकबूलिअल और इज़्ज़त मिल गयी उन्हें भी आसानी से यह रुतबानहीं मिला था। गजिशता
Sant Shiromani Raidas: Vani Aur Vichar Read more
Lal Teen Ki Chhat Read more
The capability of reading and other personal skills get improves on reading this book Patan Ka Prabhutva by Kanhaiyalal Maniklal Munshi.This book is available in Hindi with high quality printing.Books from Novel category surely gives you the best rea
लज्जा’ की शुरुआत होती है 6 दिसम्बर 1992 को बाबरी मस्जिद तोडे़ जाने पर बांग्लादेश के मुसलमानों की आक्रामक प्रतिक्रिया से। वे अपने हिन्दू भाई-बहनों पर टूट पड़ते हैं और उनके सैकड़ों धर्मस्थलों को नष्ट कर देते हैं। लेकिन इस अत्याचार, लूट, बलात्कार और मन्दि
The capability of reading and other personal skills get improves on reading this book Prachchhann Mahasamar - 6 1 to 9 Volume Set by Narendra Kohli. This book is available in Hindi with printing. Books from Novel category surely gives you the best re
Pratyaksh - Mahasamar-7 Read more
शब्दों की लड़ी ....
मैं नवीन लेखक "निर्मल गुप्ता",अपने ह्रदय की भावनाओं को शब्द रुपी मोतियों में पिरोकर,अनूठी मालाओं का सृजन कर पाठकों को भेंट करना चाहता हूं । यह पुस्तक एक काब्य- संग्रह है , जिसमें जीवन के गहन अनुभवों को कविता के माध्यम से प्रस्तुत कर पाठकों के समक्
ये शब्द ही हैं जो किसी के चेहरे पर मुस्कान ला सकते हैं तो किसी की आंखों में पानी हर शब्द की होती अपनी अलग कहानी
उस पुस्तक में शब्द प्रतियोगिता के दैनिक प्रतियोगिता के विषय पर लिखें गए लेख, कहानी, संस्मरण, और कविता सम्मिलित हैं।
इस किताब के माध्यम से दैनिक जीवन में होने वाली दिन-प्रतिदिन की घटनाओं और मानव के संस्कारों एवं समाज में होने वाले परिवर्तन को एक कविता के माध्यम से उकेरा जायेगा। जिसमें सभी प्रकार की कविताएं संग्रहित रहेगी।
प्रिय पाठक, ईश्वर आप सभी को सदैव प्रसन्न रखे! शब्द.इन प्रकाशन द्वारा मेरी अपनी रचनाओं के साकार रूप इस पुस्तक के प्रकाशन पर अन्तर्मन् में अतिशय आनन्द का अनुभव कर रहा हूं। कालेज के समय से ही कविता पढ़ने, सुनने एवं लिखने का बहुत शौक था जो परिस्थितियों
मन के अन्दर तरह तरह के उद्गार उठते रहते हैं जो कि मनुष्य के मन की स्वभाविक प्रक्रिया है।इन्हीं उद्गारों के शब्दों को संवेदनाओं के साथ सजाकर उन्हें काव्य के रुप में सहेज का प्रयास है'मन की कोठर से....'।इसके पहले इसी तरह की कोशिश 'शब्द कलश'(योर कोट्स स
कविता -------------------- प्रहार की तरह तीव्र होनी चाहिये कवितायें। दिल छूये, दिमाग झकझोर सके कवितायें। आक्रोश उगलती हुई आग होती हों कवितायें। प्यार उपजाये उपजाऊ होनी चाहिये कवितायें। ---------------------23/12/21--------------------