नई दिल्ली : यूपी में अब पूर्व सीएम सरकारी बंगले में अपनी पूरी ज़िन्दगी बिता सकें, इसके लिए सीएम अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में वेतन, भत्ता और प्रकीर्ण उपबंध संशोधन विधेयक, 2016 पास कर अपने पिता मुलायम समेत 6 एक्स सीएम को उपहार दिया है। जिनमें एक्स सीएम के पास 8 बंगले हैं और इनकी कुल संपत्ति 136 करोड़ है। बड़ा सवाल यही कि इतनी संपत्ति के बावजूद इनहें सरकारी बंगलों कि क्या ज़रूरूत है, इनके पिता मुलायम सिंह यादव के पास 3 बंगले हैं और इनकी कुल संपत्ति 15 करोड़ 96 लाख है। वहीं मायवती के पास दो बंगले हैं और कुल संपत्ति 111 करोड़ रुपए है।
किसका कितना है किराया
* मुलायम सिंह यादव का किराया 13,500 रुपए है।
* मायावती का किराया 12,500 रुपए है।
* राजनाथ सिंह का किराया 5320 रुपए है।
माननीयों को न तो नैतिकता और न तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश से कुछ फ़र्क पड़ता है, क्योंकि नीतियां बनाने वाले भी यही और देश चलाने वाले भी यही, और वक़्त आने पर तो ये अपनी अनुकूलता के लिए सदन में बिल तक पारित कर लेते हैं। धन्य है ये लोकतांत्रिक नायक। कहने के लिए तो आदर्श के झंडाबरदार हैं ये मगर देखा जाए तो हमाम में सभी नंगे हैं। क्या इस विधेयक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट सं ज्ञान लेकर इस क़ानून को ख़त्म करेगी।
सदन में उत्तर प्रदेश मंत्री (वेतन, भत्ता और प्रकीर्ण उपबंध) (संशोधन) विधेयक, 2016 बहुमत से पास कर दिया गया है। विधेयक में साफ तौर पर इस बात का ज़िक्र है कि यूपी के किसी भी एक्स सीएम को उनके अनुरोध पर जीवन भर के लिए सरकारी आवास, राज्य सरकार के राज्य संपत्ति विभाग द्वारा समय समय पर निर्धारित किए जाने वाले मासिक किराया के भुगतान पर आवंटित किया जाएगा। इस विधेयक के बाद अब एक्स 6 सीएम को बंगला नहीं छोड़ना होगा।
किस के पास कितनी संपत्ति
* मुलायम के पास 2 बंगले हैं, इटावा और लखनऊ में, और उनका एक घर सैफई में है। इनकी कुल संपत्ति है 15 करोड़ 96 लाख।
* मायावती के एफिडेविट के अनुसार उनके पास दो मकान हैं दिल्ली और लखनऊ में और उनकी कुल संपत्ति 111 करोड़ रुपए है।
* राजनाथ सिंह के पास एक बंगला लखनऊ में है, इनकी कुल संपत्ति 2 करोड़ 92 लाख है।
* कल्याण सिंह के पास भी एक बिल्डिंग है और कुल संपत्ति 60 लाख की है।
* रामनरेश यादव के पास भी एक घर है, जबकि, 2004 में दिए गए एफिडेविट के अनुसार, उनकी संपत्ति 29 लाख 57 हजार की है।
* एनडी तिवारी का एफिडेविट उपलब्ध नहीं हो पाया।
* सरकारी बंगलों पर एक लाख से डेढ़ लाख हर साल खर्च होता है।