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दर्द भरी शायरी

31 मई 2022

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तू हमे चाहकर हमे भुला सकती है ऐसी तो तुम्हारी नियत है 
तू हमे चाहकर हमे भुला सकती है ऐसी तो तुम्हारी नियत है 
हम चाहकर भी तुम्हे नही भुला सकते बस यही तो हमारी इबादत है 

प्यार मैं क्या पता था हमे दिन है या रात 
प्यार मैं क्या पता था हमे दिन है या रात 
मगर जबसे तुमने हमको भुला दिया तुम्हारी याद मैं रोते है पूरी रात 

शराब का नशा जितना भी करो उतना बढ़ता है
प्यार तुम चाहे कितने भी करलो आखिर मैं टूटता ही है 

प्यार मैं जख्म लगाकर तुम हमसे प्यार करती हो 
प्यार मैं जख्म लगाकर तुम हमसे प्यार करती हो 
प्यार मैं कितने लैला मजनू हो गए तुम क्या उन सब मैं से हमे कम समझती हो

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