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नश्वरता के दोहे

22 मार्च 2022

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क्या लाया था साथ में , क्या तू लेकर जाय । 
देह तलक संग ना चले, फिर क्यों रहा ठगाय ।। 

धन दौलत हीरे मोती , कुछ भी साथ ना जाय ।
ताकत, सुंदरता सभी कुछ, यहीं धरी रह जाय ।। 

झूठे नाते रिश्ते हैं , सब मतलब के यार ।
स्वारथ है तो अपने हैं, वरना सब बेकार ।।

प्रेम कभी मरता नहीं , सच्ची बात ये जान ।
प्रेम में ही ईश्वर बसें, बात "हरि" की मान ।।

झूठा जग झूठा चलन, झूठा सब व्यापार । 
झूठे वादे झूठी कसम, झूठा प्यार दुलार ।।

दो दिन की है जिंदगी, कह गये ज्ञानी लोग ।
किसपे गुमां इतना करे, काहे लगाये रोग ।। 

दिल से दिल जब मिल गये, स्वर्ग सों आनंद आय ।
प्रेमी में दीखै खुदा , प्रेम में दुनिया समाय ।। 

हरिशंकर गोयल "हरि"
23.3.22 


Laxman saxena

Laxman saxena

मेरा लक्ष्मण है , में सीधी भाषा में bolu to इंसान का जन्म मट्टी में ही होता है और मट्टी में ही मिल जाता है,कोई bi apne साथ कुछ नही ले जाता है ,बस ले जाता है तो आपन्ही यादेबले जाता है

6 अगस्त 2022

भारती

भारती

बहुत ही बढ़िया 👏👏👌🏻

23 मार्च 2022

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रचनाएँ
दोहे.
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विभिन्न विषयों पर दोहे लिखे गये हैं इस किताब में ।

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