नई दिल्लीः रेल परिवहन व्यवस्था में अभूतपूर्व सुधार की दिशा में मोदी सरकार ने कदम बढ़ाए हैं। सुधारों के अमलीजामा पहनते ही रेलवे में आमूलचूल परिवर्तन होंगे। पहली पहल किराया निर्धारण से जुड़ी है। इसके लिए नियामक प्राधिकरण की स्थापना होनी है। दूसरी पहल रेलवे में धन की कमी से विलंबित परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए बुनियादी ढांचा विकास कोष गठन की। मंत्री सुरेश प्रभु जल्द इस बाबत आदेश जारी कर सकते हैं। यह भी पढ़ें ...चीन में ओबामा ने की मोदी की तारीफ, विश्व आर्थिक परिदृश्य में GST को बताया साहसिक फैसला
क्या पड़ेगा फर्क
विशेषज्ञों की मानें तो अगर मोदी सरकारइन दो उपायों को कड़ाई से लागू करने में सफल रही तो इसके दीर्घकालिक लाभ देखने को मिलेंगे। बुनियादी ढांचा कोष के गठन से रेलवे के तीव्र गति रेलगाड़ियों, वैगन व डिब्बों, स्टेशन विकास, सिग्नल सहित तमाम बुनियादी परियोजनाओं के लिए बजट का मुंह नहीं ताकना होगा। बल्कि बजटेत्तर स्त्रोतों से धन का प्रबंध हो सकेगा। रेलवे ने अगले पांच साल के लिए 856 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत खर्च की एक मध्यावधि योजना पहले से तैयार कर रखी है।
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विश्व बैंक देगा पांच सौ अरब डॉलर
रेलवे के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विश्व बैंक भी मदद करेगा। रेलवे मंत्रालय के सूत्र बता रहे हैं कि बुनियादी ढांचा विकास कोष में सात साल में पांच सौ अरब डॉलर की मदद देने को तैयार है। इस धनराशि से रेलवे की तमाम कल्याणकारी योजनाओं का वित्तपोषण किया जाएगा। यह भी पढ़ें ..हुड्डा का साया ही डुबाएगा हुड्डा की लुटिया, जमीन घोटाले में देगा उनका अपना ही गवाही