तन ,धन पर मद करने वालों,
तस्वीरें बदल जाती है पर में।
आज हो जो तुम दुनिया ,
पता नहीं रह जाओ कल में।।
धन, बल की कीमत जब ,
सांसें चलती है अपनी गति।
जब बीमारी और वक्त बदलेगा,
हो जायेगी दुर्गति।।
मानव की अहमियत समझ जरा,
प्रेम , सदाचार ,सद्भाव पथ पर चलना।
कहीं अंत समय में नासमझ मानव,
तुम्हें हाथ पड़े जग में मलना।
जड को ना भूल इस दुनिया में,
जब से ही तना चलता है यहां।
जड सूख गई तरु सूख गये,
हरियाली से लहलहाते यहां।।
उद्देश्य बना कुछ जीवन का ,
चल देख सभी को मानवता से।
उनको तू भूल ना जाना यहां,
जो सींच रहे लव ,ममता से।।
संस्कार और सद्गुण यहां,
हर वक्त तुम्हें बचायेंगे।
स्वार्थ की दुनिया में तेरे संग,
जीवन आदर्श तुम्हें काम आयेंगे।।