नई दिल्ली: CRPF (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) ने आज कहा कि कश्मीर में कुछ इलाके ऐसे हैं जहां के स्थानीय लोगों पर आतंकवादियों का दबाव है कि वे भागने में उनकी मदद करें, जिसके कारण यह आतंकवाद निरोधक अभियानों को ख़ासा नुकसान पहुंचा रहे है। CRPF के महानिरीक्षक (अभियान) जुल्फ़िकार हसन ने कहा कि सुरक्षा बल भीड़-भाड़ वाले इलाकों में बेहद संयम से कार्रवाई करते हैं ताकि कोई अतिरिक्त क्षति नहीं हो और वहां के निवासी आतंकवादियों की धमकियों के आगे घुटने नहीं टेकें। सीआरपीएफ के शीर्ष अधिकारी ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब थलसेना प्रमुख जनरल विपिन रावत ने कल ही कहा था कि कश्मीर में आतंकवाद निरोधक अभियानों के दौरान सुरक्षा बलों पर हमला करने वालों के खिलाफ ‘‘सख्त कार्रवाई’’ की जाएगी।
हसन ने कहा कि उन्होंने कहा, ‘‘(हालिया अभियानों में सुरक्षा बलों के) मारे जाने की घटनाएं भीड़-भाड़ वाले इलाकों में हुई हैं और सुरक्षा बल संयम बरतते हुए अभियान चलाते हैं ताकि कोई अतिरिक्त क्षति नहीं हो। लेकिन भीड़ इस घेरेबंदी को तोड़कर आतंकवादियों को भागने में मदद करती है।’’ हसन ने पीटीआई और भाषा को यह भी बताया, ‘‘यह कश्मीर के कुछ खास इलाकों में हो रहा है और ग्रामीण तथा स्थानीय लोग आतंकवादियों के दबाव में आकर ऐसा करते हैं ।’’ आईजी ने कहा कि मुठभेड़ में सुरक्षा बलों को पथराव का भी सामना करना पड़ता है और इन सब से ‘‘अभियान को नुकसान’’ पहुंचता है।
उनका कहना है कि, ‘‘मैं स्थानीय लोगों से कहना चाहता हूं कि वे आतंकवादियों के दबाव में नहीं आएं। हमलोग बेहद संयम बरत रहे हैं ताकि भीड़ को कोई अतिरिक्त क्षति नहीं पहुंचे, लेकिन यही हमारी समस्या बढ़ाता है। हमलोग अभियान को बेहतर तरीके से अंजाम देने की लगातार कोशिश कर रहे हैं ताकि वहां मौजूद लोगों को कोई नुकसान नहीं पहुंचे।’’ इन सभी के चलते आतंकवाद निरोधक अभियानों को ख़ासा नुकसान पहुंचता है।