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बातों का संगम हुईं

22 दिसम्बर 2023

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मिलन की संयोग हुईं, 
कुछ पल उनकी बातों की आनंद मिली
मीठी मधुर संगीत सी , मुख्य से शब्दों की उच्चारण हुई
झेलम की पानी, उनकी तारीफ में आकर झुक गई
कश्मीर की हसीन वादियों उस संगम की साक्षी बन रही
सूर्य की लालिमा उनके चेहरे को इस समय निखार रही
खुद को सौंप उन्हें, उनकी मुहब्बत में खो गया
सुबह से कब शाम हुई, ये बात उनके मुख से पता चला
सोकर उनकी आंचल में, वह ठंडी-ठंडी हवा से बचा रही
खुद को ठंडा से बचने के लिए,वह मुझमें समां गई 



देव ऋषि ✨ प्रारब्ध ✨✍️

मीनू द्विवेदी वैदेही

मीनू द्विवेदी वैदेही

बहुत खूबसूरत पंक्तियां 👌👌 आप मेरी कहानी प्रतिउतर और प्यार का प्रतिशोध पर अपनी समीक्षा जरूर दें 🙏🙏

22 दिसम्बर 2023

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रचनाएँ
सफ़र ए तन्हा..
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यह संग्रह .. कविता की होगी, .. जिसमें भाव व्यक्त अपने पंक्तियों से माध्यम से करूंगा।

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