नई दिल्लीः मां के हाथ से मासूम गिरा तो अमेरिका में ऐसा कानून लगा कि उन्हें अपने कलेजे के टुकड़े से आठ तक दूर रहना पड़ा। कानूनी लड़ाई लड़ने में जमीन भी बेचनी पड़ गई। तब जाकर बच्चा दोबारा मां-बाप की गोद में आ सका। इससे पता चलता है कि अमेरिका में बच्चों की सुरक्षा से जुड़े कितने सख्त कानून हैं।
क्या है मामला
जयपुर निवासी आशीष पारीक टाटा कंसल्टेंसी सर्विस में प्रोजेक्ट मैनेजर हैं। वे बीते 10 अगस्त 2015 को प्रग्नेंट पत्नी विदिशा के साथ अमेरिका के न्यूजर्सी शहर सैर-सपाटे को गए। वहां 21 अक्टूबर को विदिशा ने बच्चे को जन्म दिया। तीन माह बाद जनवरी के प्रथम सप्ताह में बच्चा विदिशा की गोद से गिर गया तो घायल हो गया।
अस्पताल ने दी पुलिस को सूचना
जब बच्चा घायल हुआ तो परिवार वाले अस्पताल लेकर गए। यहां अस्पताल प्रशासन ने पुलिल को जानकारी दे दी। पुलिस ने बच्चे को कब्जे में ले लिया और मां-बाप पर शेकिंग बेबी सिंड्रोम कानून ठोंक दिया। कानून के अनुसार बच्चा मां-बाप के बजाए परिचित आलोक पारीक को सुपुर्द कर दिया गया। बच्चे से मिलने की छूट रही मगर अपने पास रखने की नहीं। आठ माह की लंबी कानूनी लड़ाई में 25000 डॉलर खर्च हो गए। इसके लिए दंपती को जयपुर का अपना प्लॉट बेचना पड़ा। तब जाकर दंपती बच्चे का वापस पाने में सफल रहा।