नई दिल्ली : विदेशों से मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य रास्तों से कालेधन देश में लाने से रोकने के लिए भारत ने अब सिंगापुर के साथ नए समझौते 'डबल टैक्सेशन अवॉयडेंस एग्रीमेंट 'पर हस्ताक्षर किये हैं। साइप्रस और मॉरीशस के बाद सिंगापुर ले साथ भारत का यह समझौता बेहद अहम् माना जा रहा है। इस समझौते के बाद सिंगापुर के जरिये भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने वालों को अब भारत में टैक्स देना अनिवार्य होगा।
अभी सिंगापुर की कंपनियां छूट का फायदा उठाकर भारत में किए निवेश पर कैपिटल गेंस टैक्स देने से बच जाती थी। लेकिन करार के बाद भारत-सिंगापुर नए वित्त वर्ष से 2019 तक कैपिटल गेन्स टैक्स आधा-आधा शेयर करेंगे। अप्रैल 2019 के बाद कैपिटल गेन्स टैक्स पर भारत का पूरा अधिकार होगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि भारत सरकार कालेधन पर नकेल कसने के लिये प्रयासरत है ऐसे में इन समझौतों में संशोधन करना जरूरी था। इस करार से कालेधन पर लगाम लगेगा। गौरतलब है कि डीटीएए के लिहाज से 2016 एक ऐतिहासिक साल रहा है। इस साल 3 बड़े टैक्सेशन करार में बदलाव किए गए हैं।