नई दिल्लीः चचेरे भाई प्रो. रामगोपाल यादव पर भाजपा का एजेंट होने का आरोप लगाकर पार्टी से निकलवाने वाले शिवपाल यादव को फिर से झटका खाने वाले हैं। रामगोपाल यादव का सपा सुप्रीमो मुलायम ने निष्कासन रद्द कर दिया है, अब पार्टी की अंदरुनी चर्चा की मानें तो अखिलेश के युवा समर्थकों की भी वापसी होने वाली है। इन युवा नेताओं को शिवपाल यादव ने प्रदेश अध्यक्ष की हैसियत से पार्टी विरोधी गतिविधियों में छह साल के लिए बाहर निकाल दिया है। पार्टी के एक विधान परिषद सदस्य खुद दबी जुबान यह दावा कर रहे हैं कि जल्द ही पार्टी से बाहर किए गए सभी अखिलेश समर्थक फिर से पदों पर बहाल होंगे। क्योंकि मुलायम सिंह नहीं चाहते कि चुनाव के वक्त किसी तरह का नुकसान हो।
शिवपाल ने इन्हें किया था पार्टी से बाहर
प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने अखिलेश के करीबी एमएलसी सुनील सिंह साजन, एमएलसी आनंद भदौरिया, यूथ बिग्रेड अध्यक्ष मोहम्मद एबाद, समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष ब्रजेश यादव, एमएलसी संजय लाठर, यूथ बिग्रेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव दुबे को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बाहर कर दिया था। जिसके बाद कहा जा रहा था कि शिवपाल संगठन पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए अखिलेश के करीबियों को चुन-चुनकर बाहर कर रहे। अब चूंकि अखिलेश ने अपने तरफदार प्रो. रामगोपाल यादव की पार्टी में वापसी करा दी है तो माना जा रहा कि जल्द ही युवा समर्थकों की भी वापसी हो सकती है।
शिवपाल के लिए क्यों है यह झटका
दरअसल समाजवादी पार्टी में रामगोपाल और शिवपाल दोनों चचेरे भाई एक दूसरे को अपना सबसे बड़ा राजनीति क प्रतिद्वंदी मानते हैं। रामगोपाल अपनी वापसी पार्टी में कराने में सफल हो गए हैं। ऐसे में उन्होंने अपने नुकसान की क्षतिपूर्ति कर ली है। वहीं शिवपाल यादव अब भी मंत्रिमंडल से बाहर ही चल रहे हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि सत्ता और संगठन पर शिवपाल की तुलना में अखिलेश की पकड़ ज्यादा है। जिस तरह से शिवपाल के विरोध के बाद भी मुलायम ने रामगोपाल को पार्टी में वापस लिया, उससे पार्टी में अखिलेश का फिर से दबदबा कायम हुआ है। वहीं पार्टी के अंदरखाने ही कहा जा रहा है कि पिछले दो महीने से भले ही मुलायम शिवपाल यादव की प्रशंसा कर रहे थे, मगर मन ही मन बेटे अखिलेश यादव के साथ थे।