मैं भावनाओं से नहीं अपने जहन से खेलती हूं बस एक यही खामियां है मेरी की स्पष्ट बोलती हूं बहुत बोलती हूं मैं ऐसा सब लोग कहते हैं बोलने से पहले शब्दों को जुबां पर तोल लेती हूं अपने बसे बस आए आशियाने का आयुक्त हूं मैं लोग जेब टटोल ते हैं मैं सबका मन टटोल अति हूं छोटी सी उम्र में भी बड़े बलशाली विचार है मेरे जितनी चाहिए जिसको मैं उतनी ही शक्कर डालती हूं धन्यवाद