नाथूराम की कथा एक बहुत गरीब आदमी था उसे लोग नाथूराम नाथूराम कहते थे उसने बहुत मेहनत की और अमीर बन गया अब वह जिधर भी जाता लोग उसे नाथूराम सेट कह कर बुलाते और नमस्कार करते वह जवाब में सबको एक ही बात बोलता है ठीक है घर पर जाकर बता दूंगा एक दिन एक आदमी ने सेठ जी को ऐसा कहते हुए सुना उसने पूछा सेठ जी आप यह क्या कहते हैं कि घर जाकर बता दूंगा सेठ ने कहा मैं पहले बहुत गरीब हुआ करता था लोग मुझे नाथूराम नाथूराम कहते थे आज यही लोग मुझे नाथूराम सेट का कर बुलाते हैं और नमस्कार करते है इसीलिए मैं कहता हूं घर जाकर बता दूंगा मैं घर पहुंच कर तिजोरी खोल कर लक्ष्मी जी को बता देता हूं कि आज आपको इतने लोगों ने नमस्कार किया है ताकि मेरे अंदर यह भ्रम न पैदा हो कि यह इज्जत मेरी हो रही है इसलिए सदा प्रशंसा से बचना चाहिए क्योंकि इज्जत इंसान की नहीं उसके रुतबे और पैसे की होती है वरना किसी गरीब की इतनी इज्जत क्यों नहीं करते लोग