मैं स्वतंत्र हूं यह किसने कहा बस चले जा रही हूं राह के हर मोड़ को अपना बना रही हूं क्या सही चल रही हूं या गलत हर विचार को खुद में समा रही है कभी अपने आकर सिखा रहे हैं दुनियादारी तो कभी परायो से अपनत्व पा रही हूं नहीं पर वाह अच्छा है रास्ता या समस्या भरी हुई मुस्कुराती हुई बस चलती जा रही हूं अपने हिस्से की रीत निभाते जा रही हूं देखा जाए तो जिंदगी में स्वतंत्रता नाम की चीज ही नहीं है एक दूसरे एक दूसरे को बस इस्तेमाल कर रहे हैं जिस दिन लोग इस्तेमाल करना छोड़ कर सच्चे हृदय से एक दूसरे का साथ देने लग जाएं तो यकीन मानिए सबकी जिंदगी संवर जाएगी धन्यवाद