एक जंगल में एक शेर बहुत दिन से भूखा था उसे खाने को कुछ नहीं मिल रहा था वह खाने की तलाश में जंगल मैं भटक रहा था अचानक उसे एक गुफा दिखी वह गुफा के अंदर चला गया है लेकिन गुफा मैं कोई नहीं था शेर ने दिमाग लगाया उसने सोचा मैं इसी गुफा में छुप कर बैठ जाता हूं जिसकी भी गुफा होगी वह कुछ देर पश्चात अवश्य आएगा तब मैं उसे खा जाऊंगा यह सोचकर शेर गुफा के अंदर ही चुपचाप आराम करने लगा कुछ देर पश्चात एक लोमड़ी गुफा के सामने आई लेकिन उसे गुफा के बाहर पैरों के निशान देखें लोमड़ी बहुत चालाक थी वह तुरंत समझ गई जरूर कोई ना कोई गुफा के अंदर है गुफा के अंदर जाना खतरे से खाली नहीं लोमड़ी ने तरकीब सोचा और चिल्ला कर बोली अरे वह गुफा रोज तो तू मेरा आने पर भव्य स्वागत करती है आज क्यों नहीं कुछ बोल रही क्या कोई गुफा के अंदर है जो तू डर रही है यह शब्द जब शेर के कानों में पड़ी शेर ने सोचा यह गुफा बोलती है लेकिन आज मेरे डर के कारण कुछ नहीं बोल रही है यदि मैं कुछ नहीं बोलता हूं तो लोमड़ी बाहर से ही लौट जाएगी यह सोच कर शेर अंदर से जोर से आवाज लगाया आजाओ मित्र आपका स्वागत है चतुर लोमड़ी तुरंत समझ गई की गुफा के अंदर जंगल का राजा शेर है और वहां से भाग गई कहानी से शिक्षा मिलती है दोस्तों मुश्किल समय में अपना संयम कभी ना खोए और समझदारी से काम ले