एक देश में एक राजा रहता था वह बहुत घमंडी था उसके घमंड के कारण आसपास के लोगों से भी उसकी नहीं बनती थी और सभी लोग उससे परेशान रहते थे एक बार एक साधु महात्मा राजा के राज्य से होकर जा रहे थे कहीं उन्हें राजा का राज महल दिखा वह राजा के महल के अंदर जाने लगे राजा के महल के बाहर खड़े प्रहरी साधु महात्मा को रोकने लगे लेकिन साधु महात्मा प्रहरी को धक्का देकर महल के अंदर घुस गए यह देखकर राजा क्रोधित हो उठे बोले महाराज यह क्या उद्दंडता है बिना किसी की आज्ञा लिए हुए ही आप मेरे महल के अंदर घुस गए साधु महात्मा राजा से बोले मैं इस सराय में 1 दिन रुकना चाहता हूं राजा बोले महात्मा यह कोई सराय नहीं है यह मेरा महल है महात्मा बोले आप से पहले यह महल किसका था राजा बोले मेरे पिताजी का और आपके पिताजी से पहले या किसका था मेरे दादा जी का साधु महात्मा बोले यह महल आपका नहीं है आप कुछ दिन के लिए इस महल में रुके हुए हैं कुछ दिन के पश्चात यह महल दूसरे का हो जाएगा साधु महात्मा की बात सुनकर राजा ने अपना सारा राजपाट छोड़कर महात्मा की चरणों में गिर पड़े दोस्तों कहने के लिए तो यह एक कहानी है लेकिन यह हकीकत है यह दुनिया एक सराय है जहां कुछ लोग रोज आते हैं और कुछ लोग रोज जाते हैं अच्छी सोच रखिए अच्छे काम करिए क्योंकि इस सराय से 1 दिन सबको जाना है