एक बार नारद मुनि भ्रमण करते हुए देव लोग पहुंचे वहां तीनों देवियां पार्वती लक्ष्मी माता और सरस्वती जी से मिले और उनको प्रणाम किया देवियों ने पूछा और नारद मुनि क्या समाचार है नारद मुनि बोले देवियों पृथ्वी पर एक सती अनसूया नाम की स्त्री रहती है वह बहुत पतिव्रता स्त्री हैं देवियों ने पूछा क्या वह हमसे भी ज्यादा पतिवर्ता हैं नारद मुनि बोले नारद मुनि बोले माताओं आप लोग भी उनके सामने कुछ नहीं यह बात सुनकर तीनों देवियां नाराज हो गई और तीनों देवियां अपने पति के पास पहुंची और बोलिए आप सब को मेरा एक काम करना होगा आप लोगों को धरती पर जाना होगा वहां एक सती अनसूया नाम की स्त्री रहती हैं उनका आप लोगों को सतीत्व का परीक्षा लेना होगा तीनों देव देवियों को बहुत समझाएं पर वह नहीं मानी बोली नहीं आपको यह काम मेरा करना होगा तीनों देव बोले ठीक है ब्रह्मा विष्णु और महेश धरती पर आए और माता सती अनुसूया के दरवाजे के सामने आकर भिक्षा मांगने लगे जब मात भीख लेकर बाहर निकली तब साधु बने हुए देव ने कहा माता हम ऐसे बिछा ग्रहण नहीं करेंगे हम आपके हाथ से भोजन करेंगे वह भोजन हमें आपको नग्न अवस्था में करानी होगी यह बात सुनकर माता सती अनुसुइया अवाक रह गई लेकिन फिर उन्होंने बोला ठीक है मैं आप लोगों को भोजन करा दूंगी इतना कह कर माता सती अनसूया अपने पति का कमंडल लेकर आई और मंत्र बोलकर साधु के भेष में आए हुए ब्रह्मा विष्णु महेश के ऊपर जल का छिड़काव कर दिया है जिससे तीनों देव छोटे शिशु के रूप में परिवर्तित हो गए माता ने तीनों बालकों को दूध पिलाया और पालने में डाल दिया झूलने के लिए इधर ब्रह्मा विष्णु और महेश का पता न लगने पर तीनों देवियां परेशान हो गई और नारद मुनि को याद किया नारद मुनि उपस्थित हो गए और तीनों देवियों को प्रणाम किए बोले देवियों आपने हमें क्यों याद किया माता पार्वती और लक्ष्मी मां और सरस्वती जी बोली नारद मुनि हमारे पतियों का कुछ पता नहीं है क्या आप बता सकती हैं कि हमारे पति इस समय कहां हैं नारद मुनि बोले देवियों इस समय आप सबके पति माता सती अनसूया के घर पर बच्चे बने हुए हैं यह सुनकर दिव्या बहुत परेशान हो गई और माता सती अनसूया के पास आई और उनका चरण पकड़ कर बोली माता आप हमें माफ कर दीजिए हम ने ही अपने पतियों को आपके सतीत्व का परीक्षा लेने के लिए भेजा था कृपया आप हमारे पतियों को हमें लौटा दीजिए माता सती अनसूया बोली जाओ पालने में तुम्हारे पति झूल रहे हैं कौन किसका पति है पहचान कर अपने-अपने पतियों को लेकर जाओ अब माता पार्वती और माता लक्ष्मी जी और माता सरस्वतीबहुत परेशान हो गई और माता के चरणों में गिर पड़ी बोली जैसे आपने हमारे पतियों को पुत्र के रूप में स्वीकार किया है वैसे हमें भी अपनी पुत्रवधू बना लीजिए माता आप हमें माफ कर दीजिए माता सती अनसूया का दिल पिघल गया उन्होंने अपने पति का कमंडल लॉकर मंत्र उच्चारण कर तीनों शिशु बने हुए देव पर छिड़काव कियावह पुनः देव रूप में परिवर्तित हो गए औरतों को अपना सतीत्व बनाना चाहिए जिसे तोड़ने के लिए ब्रह्मा विष्णु महेश को आना पड़े धन्यवाद