जमशेदपुर : यहां के टेल्को कॉलोनी की रहने वाली स्टूडेंट हरप्रीत कौर की शनिवार को सड़क हादसे में मौत हो गई थी. सोमवार को उसका पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार किया गया. इस हादसे में पिता भी गभीर रुप से जख्मी हुए थे. अंतिम यात्रा के दौरान जख्मी पिता की जुबां से सिर्फ यही निकला- 'बेटी मुझे माफ करना. आज मैं मजबूर हूं. अर्थी को कंधा भी नहीं दे सकता.'
पिता जसपाल सिंह शव यात्रा में शामिल नहीं हो सके , भाई- भतीजों ने कहा- हम संभाल लेगें आपको आराम कि जरुरत है. लेकिन जसपाल सिंह की जुबां से सिर्फ यही निकला - जाग हरप्रीत! अब मुझसे कौन झगड़ा करेगा? उठो, मैंने तुम्हारे लिए क्या-क्या सपने संजोए थे. तुम्हारी ख्वाहिशों को भी पूरा करना है. जागो तुम्हें बेंगलुरु जाना है ना'. हरिप्रित बेटा मुझे माफ करना . आज मैं मजबूर हूं. तुम्हारी अर्थी को कंधा भी नही दे सकता. बता दें पिता जसपाल कि दर्घटना में दाहिने हाथ में 4 स्थान पर फैक्चर आया है उनका ऑपरेश होना है. इसलिए अंतिम दर्शन के लिए पांच घंटे की छुट्टी लेकर घर ले जाया गया था. वहीं मां बलजीत कौर भी हरप्रीत के शव से लिपटी हुई थीं. वह बार-बार बेटी को उठने के लिए आवाज लगाती रहीं. उनकी बातें सुन पूरा माहौल गमगीन हो गया
हरप्रीत की कजन बहन की रिंग सेरेमनी 16 अप्रैल को थी. वो पिता जसपाल सिंह के साथ शनिवार को स्कूटी से बहन के कपड़े ठीक कराने साकची गई थी. लौटते समय अज्ञात वाहन ने पिता व बेटी को टक्कर मार दिया. हरप्रीत की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, पिता जसपाल सिंह को अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनकी स्थिति खतरे से बाहर है.