नई दिल्लीः भदोही के भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह की भगवा पगड़ी पर अमेरिकी दूतावास ने सवाल उठाया तो वे भड़क गए और शुक्रवार से प्रस्तावित अमेरिकी दौरा रद कर दिया। उन्हें दस दिन अमेरिका में रहकर भारत में प्रचलित आर्गेनिक यानी जैविक खेती के तौर-तरीकों की जानकारी देनी थी। सांसद के यह तेवर देख अमेरिका दूतावास में हड़कंप मच गया। वहीं सांसद ने दूतावास से इस रवैये पर गहरी नाराजगी जताते हुए सीधे कह दिया कि पगड़ी उछालने से उनके मान-सम्मान को ठेस पहुंची।
वीजा लेने गए तो दूतावास ने कहा-पगड़ी नहीं चलेगी
सांसद वीरेंद्र सिंह ने इंडिया संवाद से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि, दो महीने पहले अमेरिकी दूतावास के अफसरों ने उनसे संपर्क कर आर्गेनिक फार्मिंग पर लेक्चर के लिए अमेरिका चलने का अनुरोध किया। इसके बाद नई दिल्ली आवास पर अमेरिका से आए कुछ अधिकारियों से उनका इंटरव्यू हुआ। जब तीन दिन पहले वीजा लेने की बारी आई तो दूतावास के अफसरों ने सिर पर मौजूद मेरी पगड़ी पर सवाल उठाया। कहा कि आप को बगैर पगड़ी पहने अमेरिका जाना होगा। इस पगड़ी में वहां लेक्चर नहीं हो सकता।
अमेरिका में इन जगहों पर होना था कृषि प्रोग्राम
सांसद वीरेंद्र सिंह को 26 अगस्त यानी शुक्रवार को भारत से रवाना होकर न्यूजर्सी टर्मिनल पहुंचना था। यहां से हॉलिडे होटल पहुंचना था। होटल में मीटिंग के बाद 29 अगस्त को आइवा स्टेट यूनिवर्सिटी में भारत में आर्गेनिक खेती के तरीकों के बारे में अमेरिकी विशेषज्ञों को जानकारी देनी थी। इसके बाद लैंड ग्रैंट यूनिवर्सिटी में नेचुरल रिसोर्सेज पर चर्चा होनी थी। इसके अलावा बायोसेफ्टी इंस्टीट्यूट ऑफ जेनेटिकली मॉडिफाइड एग्रीकल्चरल प्रोडक्ट में भी सेमिनार था।
गंगा तीरे सौ बीघा आर्गेनिक खेती करते हैं सांसद वीरेंद्र
राजनीति में उतरने से पहले भी वीरेंद्र सिंह भदोही में खेती-किसानी करते रहे और सांसद बनने के बाद भी नाता नहीं तोड़े। भदोही में गंगा किनारे सौ बीघा खेती आर्गेनिक खेती करते हैं। कहते हैं कि वे खेती में बिना उर्वरकों का प्रयोग किए फसल उगाते हैं। आर्गेनिक फार्मिंग का एक्सपर्ट होने के साथ ही वीरेंद्र सिंह केंद्र सरकार की स्टैंडिंग कमेटी के मेंबर भी हैं। इन्हीं सब वजहों से अमेरिका ने उन्हें अपने यहां के कृषि विशेषज्ञों के बीच अनुभवों को साझा करने के लिए आमंत्रित किया था। वीरेंद्र सिंह को 26 अगस्त को अमेरिका रवाना होकर पांच सितंबर तक अमेरिका के प्रोग्रामों में रहकर छह अगस्त को होना था।