नई दिल्ली : भारत में क्रिकेट का जुनून सिर चढ़ कर बोलता है. आलम यह है कि दुनिया के 10 सबसे अमीर क्रिकेटर्स में 6 भारतीय हैं और इसमें नंबर वन की कुर्सी पर धोनी है . वहीं 1988 के वर्ल्डकप के हीरो रहे भालाजी डामोर आज भैंस चराने को मजबूर है. इस ऑलराउंडर खिलाड़ी की बदौलत भारत सेमी - फाइनल में पहुंच सका था. किसान परिवार से आने वाले इस अंधे क्रिकेटर को उम्मीद थी की वर्ल्डकप के बाद उनकी जिंदगी बेहतर हो जाएगी लेकिन 18 साल बाद भालजी भैंस चराने और छोटे-मोटे खेती के काम करने को मजबूर है.
गुजरात से ताल्लुक रखने वाले इस क्रिकेटर के नाम आज भी भारत की तरफ से सर्वाधिक विकेट लेने का रिकॅार्ड है. आपको बता दे ंकि 125 मैचो में इस ऑलराउंडर ने 3,125 रन और 150 विकेट लिए है. पूरी तरह से दृष्टिबाधित इस क्रिकेटर ने भारत की तरफ से 8 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल े हैं.
भालाजी डामोर ने कहा कि “विश्वकप के बाद मुझे उम्मीद थी कि मुझे कहीं नौकरी मिल जाएगी. लेकिन मुझे कहीं नौकरी नहीं मिल पायी. स्पोर्ट कोटा और विकलांग कोटा मेरे किसी काम नहीं आ सके.” भालाजी बेहद भारी मन से कहते हैं. कई सालों बाद गुजारत सरकार ने उनका प्रशंसात्मक उल् लेख जरूर किया लेकिन उन्हें अबतक एक अदद नौकरी की दरकार है.