नई दिल्ली : यूपी में चाचा शिवपाल और भतीजे सीएम अखिलेश यादव के बीच खिंची तलवारे मुलायम के दखल देने के बाद शांत हो गयीं हैं. जिसके चलते अखिलेश के कई फैसलों को बदला जायेगा. बताया जाता है कि शिवपाल के सभी 8 विभाग उन्हें वापस किये जायेंगे. इसके साथ ही शिवपाल सरकार के कैबिनेट मंत्री के साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे.
मुलायम के सामने रखी अखिलेश ने शर्त
सूत्रों के मुताबिक पार्टी मुखिया और पिता मुलायम सिंह के सामने सीएम अखिलेश यादव ने भी यह शर्त रखी है कि चुनाव के टिकट बंटवारे की पावर उनको दी जानी चाहिए. फिलहाल इन शर्तों के बाद चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश के बीच खिंची तलवारे अपनी-अपनी म्यानों में वापस लौट गयीं हैं. बताया जाता है कि शनिवार को सुबह इस बात की घोषणा पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव करेंगे. यही नहीं खनन मंत्री गायत्री प्रजापति की भी वापसी सरकार में की जा सकती है.
चाचा इस्तीफा देंगे तो गम स्वाभाविक है : CM
यह बातें अखिलेश ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कही. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा पार्टी में मदभेद की वजह वो नहीं, बल्कि उनकी कुर्सी है. इंटरव्यू में पूछे गए एक सवाल, ‘क्यों इतना मुसकुरा रहे हो क्या गम है जो छुपा रहे हो?’ के जवाब में उन्होंने कहा कि हर किसी को गम होता है, पर कोई अपना गम छुपा लेता है. ऐसे भी गम छुपाने की आदत होनी चाहिए. उन्होंने कहा चाचा शिवपाल ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और आप कहते हैं मुझे गम नहीं. वह मेरे चाचा तभी तो मैंने उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया.
अखिलेश बोले- झगड़ा नहीं नाराजगी है
चाचा और खुद के बीच हुए मदभेद की स्थिति पर उन्होंने कहा कि उन दोनों के बीच कोई झगड़ा नहीं सिर्फ कुछ मुद्दों पर थोड़ी सी नाराजगी हैं. जबकि उन्होंने यह भी कहा कि अब मेरी और चाचा की जो बात हुई है उसमें कोई नाराजगी नहीं है. अखिलेश ने टीवी को यह बताया है की वो अपने चाचा शिवपाल से कल रात 8.30 बजे मिले थे और इस मुलाकात के बाद शिवपाल ने इस्तीफा दे दिया. जबकि अखिलेश का यह भी कहना है कि मुलाकात के दौरान चाचा की फोन से किसी से बात हुई थी और उनके मोबाइल पर मैसेज भी आया था, उसी बीच के आदमी ने सब गड़बड़ किया है.