नई दिल्ली : स्वच्छ भारत अभियान के तहत सरकार द्वारा बनाये गए 10 में से 6 टॉयलेट यानी 60 प्रतिशत, बिना पानी के कारण इस्तेमाल के लायक नहीं हैं। नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) द्वारा किए गए सर्वे में सामने आई हैं। रिपोर्ट के अनुसार गांवों में अभी भी 55.4 फीसदी लोग खुले में शौच करने के लिए मजबूर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 2019 में देश को खुले में शौच मुक्त बनाना है लेकिन ऐसे ही रहा तो इस योजना पर सवालिया निशान लग सकते हैं।
शहरों में ऐसे लोगों की संख्या 7.5 प्रतिशत है। राष्ट्रीय सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) मोदी सरकार के आने से बाद में सब्सिडी की मदद से पूरे देश में लगभग 3.5 करोड़ नए शौचालय बने।
इस अभियान के तहत गरीब परिवारों के लिए 9,000 रुपये और शौचालय निर्माण के लिए दूसरों को 3,000 रुपये की सब्सिडी देने का लक्ष्य था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अगले आम चुनावों से प्रत्येक घर में शौचालय हो।
रिपोर्ट के अनुसार गांवों में लगभग 55.4% लोग अभी भी शौचालयों में पानी की आपूर्ति और उचित जल निकासी के अभाव में खुले में शौचालय का इस्तेमाल कर रहे हैं।