नई दिल्ली : देशभर के अस्पतालों में प्रतिदिन कई मरीज सही वक़्त पर खून न मिलने से दम तोड़ देते हैं। देश में हजारों जिले ऐसे हैं जहाँ अस्पतालों में ब्लडबैंक हैं ही नहीं, वहीँ खून की कमी के चलते कई संस्थाएं रक्तदान के अभियान बड़ी संख्या में चला रही हैं। आंकड़ों की माने तो आज भी देश के अस्पालों में चल रहे मरीजों के इलाज के लिए तकरीबन 11 लाख यूनिट खून की आवश्यकता है।
आंकड़ों के अनुसार देशभर के ब्लड बैंकों को जितने खून की आवश्यकता है अगर उसको टैंकरों में तब्दील कर दें तो यह आंकड़ा 35 टैंकर के बराबर पहुँचता है। जहाँ एक यूनिट में 350 एमएल खून आता है वहीँ एक टैंकर की क्षमता 11 हजार लीटर है।
हालाँकि लोकसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ने आंकड़ों के जरिये बताया कि भारत में जहाँ साल 2013-14 में ब्लड बैंकों में कुल खून की कमी 17 प्रतिशत थी जो अब 9 प्रतिशत हो गई है।
आंकड़ों के अनुसार भारत में कुल 2708 ब्लड बैंक हैं। खून की सबसे ज्यादा कमी से बिहार जूझ रहा है। जहाँ ब्लडबैंक 84 प्रतिशत खून की कमी से जूझ रहे हैं। जबकि छत्तीसगढ़ में यह आंकड़ा 66 प्रतिशत और और अरुणांचल प्रदेश में 64 प्रतिशत है।