नई दिल्ली : सोशल मीडिया में फेसबुक के विस्तार के साथ सबसे बड़ी क्रांति सूचनाओं के क्षेत्र में ही रही और आज पारंपरिक मीडिया माध्यम भी फेसबुक के जरिये अपनी ख़बरों का विस्तार पाठकों तक कर रहे हैं। फेसबुक का ही असर रहा कि आज पारंपरिक मीडिया के माध्यम समाप्ति की ओर हैं और डिजिटल मीडिया सूचना संसार में नई क्रांति ला रहा है। आप शायद नहीं जानते होंगे कि फेसबुक के जरिये लोगों तक खबरें पहुंचाने के आईडिया के पीछे एक भारतीय युवा कंप्यूटर इंजीनियर रूचि सांघवी का ही दिमाग था। रूचि द्वारा फेसबुक पर शुरू किया गया 'न्यूज़ फीड' लोगों के लिए एक ऐसा गाइड बना जिसने बताया कि आप किस तरह की ख़बरों को पढना चाहते है या अपनी खबर को दुनिया के किसी भी कोने तक पहुंचा सकते हैं।
साल 2005 में रूचि ने फेसबुक ज्वाइन किया और इसी के साथ रूचि सांघवी फेसबुक ज्वाइन करने वाली पहली महिला इंजीनियर भी बन गई। आज रूचि फेसबुक के साथ काम तो नहीं कर रही लेकिन न्यूज़फीड की 10 साल सफलता पर फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग रूचि को याद करना नहीं भूले। जुकरबर्ग ने रूचि को इस अवसर पर अपने दफ़्तर बुलाया और सभी ने जमकर साल 2005 के उन दिनों को याद किया जब उन्होंने फेसबुक पर 'न्यूज़ फीड' शुरू किया। रूचि ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा -
''हमने जब रात्रि के समय में फेसबुक पर न्यूज़ फीड शुरू किया तो हम बेहद खुश थे। इस ख़ुशी में हम कई शैंपेन की बोतलें गटक गए। हमें नहीं पता था कि अगली सुबह हमारे साथ क्या होने वाला है। हमारी अगली सुबह हजारों लोगों की गालियों के साथ हुई। कई न्यूज़ रिपोर्टर उनके दफ़्तर के बाहर डेरा डाले हुए थे और हमें पीछे के दरवाजे से बाहर दफ्तर छोड़ना पड़ा। कई लोगों का कहना था कि नई फीड को बंद कर दो। भले कई लोग इसका विरोध कर रहे थे लेकिन न्यूज़ फीड असल काम कर रहा था''।
साल 2010 में रूचि ने फेसबुक छोड़ दिया और उन्होंने अपने पति के साथ अपनी खुद की कंपनी ' कोव' शुरू की। फरवरी 2012 में 'कोव' को 'ड्रॉपबॉक्स' नाम की कंप्यूटर डेटा शेयरिंग कंपनी ने खरीद लिया। बाद में वे कंपनी की वाइस प्रेसिडेंट भी बनी। आज रूचि सिलिकॉन वेली की स्टार कहलाती हैं।