नई दिल्ली: बिहार के पटना के रहने वाले अंशुमन ने अमेरिका में रोबोसब प्रतियोगिता दूसरा स्थान हासिल करके पूरे देश का नाम रौशन किया है। इस प्रतियोगिता में भारत सहित 11 देशों में हिस्सा लिया था जिसमे जापान, रूस, कनाडा, अमेरिका, चीन आदि देशों की टीमो ने हिस्सा लिया था। अंशुमन की पनडुब्बी देश की सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस पनडुब्बी से मिसाइल जैसी वस्तु और कई अलग-अलग आवाजों को पहचाना जा सकता है।
भारत की सुरक्षा को क्या होगा फायदा
अंशुमन की इस पनडुब्बी से भारत की सुरक्षा को काफी मदद मिलेगी। भारतीय नेवी के लिए ये पनडुब्बी बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि समुद्र में जहां इंसान का पहुंचना मुश्किल है, वहां ये स्वचालित पनडुब्बी ना बल्कि पहुंच सकती है बल्कि कई तरह के काम भी कर सकती है।
सात लोगों की टीम में बनाई पनडुब्बी
इस पनडुब्बी को बनाने में टीम ने बहुत मेहनत की है। अंशुमन के अलावा तुषार शर्मा, अंगिता सुधाकर, हरि प्रसाद, जयप्रकाश और संदीप शामिल थे। सभी प्रतिभागियों ने अपने-अपने संस्थान से अपने निर्माण को लेकर प्रतियोगिता मे प्रदर्शन किया था।
अंशुमन ने किया है कड़ा संघर्ष
बता दें अंशुमन ने ये मुकाम हासिल करने के लिए बहुत मेहनत की है। उनके पिता गया में एक छोटी सी पान की दुकान चलाते है। बचपन से ही उन्होंने अपने बेटे की पढ़ाई के लिए बहुत मेहनत की है। अपने बेटे की कामयाबी पर खुशी जाहिर करते हुए उसके पिता बताते हैं कि अंशुमन अपने तीन भाइयों में दूसरे स्थान पर है, उनका कहना है कि अंशुमन बचपन से ही मेधावी था। अंशुमन के पिता ने बताया कि अंशुमन ने गया के कैन्ट एरिया के डीएवी स्कूल में बीएसई की परीक्षा पास की थी। क्रेन स्कूल से 11वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी कर आईआईटी में चयन के बाद आईआईटी मुंबई में पढ़ाई कर रहा है।