नई दिल्ली: हरियाणा में बिजली चोरी करने वाले करने वालो के बुरे दिन आ गए हैं। हरियाणा सरकार ने बिजली चोरी रोकने के लिए नया तरीका निकाला है। अगर बिजली की चोरी की तो अब खैर नहीं। भ्रष्टाचार की सूचना देने वालों को सरकार इनाम देगी। हालांकि यह कोई पहला मौका नही है जब सरकार ने पुरस्कार की योजना चलाई हो। बस फर्क इतना है कि इस बार पुरस्कार राशि बढ़ा दी गई है।
6700 करोड़ रुपये के बिल बकाया
हरियाणा में अभी तक बिजली का उपभोक्ताओं पर करीब 6700 करोड़ रुपये के बिल बकाया है। इनमें दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के 4700 करोड़ और उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के 2000 करोड़ रुपये है। सरकार का फोकस दक्षिण हरियाणा में बिजली व बिजली के सामान की चोरी रोकने पर अधिक है।
बिजली चोरी तथा बिजली निगमों में भ्रष्टाचार की सूचना कोई भी विभागीय अधिकारी, कर्मचारी अथवा बाहरी व्यक्ति भी दे सकता है। इस संबंध में सभी मुख्य अभियंताओं, अधीक्षण अभियंताओं, कार्यकारी अभियंताओं, आपरेशन विंग के उप-मण्डल अधिकारियों, कनिष्ठ अभियंताओं और निगम के उप-कार्यालयों के प्रमुखों को पत्र भेजा गया है।
बिजली निगमों के चेयरमैन शत्रुजीत कपूर के अनुसार अधीक्षण अभियंता आपरेशन को पुरस्कार के लिए स्वीकृति और भुगतान के लिए 10 हजार रुपये तक और मुख्य अभियंता आपरेशन को 25 हजार रुपये तक की प्रत्येक मामले में स्वीकृति और भुगतान की शक्ति दी गई है। निदेशक, तकनीक को 50 हजार रुपये तक की प्रत्येक मामले में स्वीकृति और भुगतान की शक्ति दी गई है। प्रबंधक निदेशक को एक लाख रुपये तक पुरस्कार देने की शक्ति दी गई है। निदेशकों के लिए पांच लाख रुपये तक और बोर्ड आफ डायरेक्टर्स को प्रत्येक मामले में स्वीकृति और भुगतान की पूरी शक्ति दी गई है।