नई दिल्ली : सौतेले बेटे के बढ़ते रसूख से जली भुनी साधना गुप्ता ने पति मुलायम को ऐसा उकसाया कि मजबूर बाप अपनी बड़ी संतान का ही विरोधी बन गया. इतना ही नहीं रोजाना घर में मच रही इस कलह से तंग आकर ही शांतप्रिय स्वाभाव वाले सीएम अखिलेश ने अपने परिवार के साथ अलग रहने का फैसला किया.
मुलायम की समधन अम्बी ने फूंकी चिंगारी
सूत्रों के मुताबिक मुलायम के घर में मची इस पारिवारिक कलह के पीछे प्रतीक यादव की सास अम्बी बिष्ट का अहम रोल है. बताया जाता है कि सत्ता के गलियारे में अपना रुतबा बनाने के लिए अम्बी विष्ट ने ही अपनी बेटी अपर्णा यादव को पहले राजनीति में आने के लिए उकसाया और बाद में जब उन्हें लखनऊ कैंट से चुनाव लड़ने का ससुर मुलायम ने मन बना लिया तो उनके मन में और भी लालच जाग गयी. यही नहीं अपने दमाद प्रतीक के जरिये उन्होंने समाजवादी पार्टी की सरकार बनते ही लखनऊ विकास प्राधिकरण कि सारी मलाईदार योजनाओं का काम हथिया लिया.
प्रतीक की सास की अपेक्षाएं बढ़ती चली गयीं
सूत्रों के मुताबिक यूपी में सपा कि सरकार बनते ही अपर्णा कि माँ अम्बी विष्ट कि पांचों उंगुलियां 'घी' में लपालप डूबी हुई हैं. बताया जाता है कि पालिका सेवा से प्राधिकरण में सालों पहले प्रतिनियुक्त पर कर अधीक्षक के पद पर आयीं मुलायम कि छोटी बहु अपर्णा कि माँ ने सपा की सरकार बनते ही पहले डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर अपनी तरक्की कराई और अब उनकी पत्रावली प्राधिकरण के संयुक्त सचिव पद के लिए शासन को भेजी गयी है. बताया जाता है कि अपनी बेटी के जरिये वह ये तरक्की भी पाने की कोशिश में हैं.
साधना को कैकेयी बनाने वाली उनकी समधन
सूत्रों के मुताबिक अम्बी विष्ट की इन वजहों से लालच बढ़ती चली गयी और वह अपने दामाद के मुख्यमंत्री बनने का तानाबाना बुनने लगीं. पहले बेटी अपर्णा और प्रतीक को उन्होंने राजनीति में आने के लिए उकसाया और जब बात नहीं बनी तो उन्होंने मुलायम सिंह कि पत्नी और अपनी समधन साधना गुप्ता को उकसाया कि 'नेताजी' अपनी पहली पत्नी के बेटे को तो पूरा राजपाठ सौंपे दे रहे हैं, लेकिन प्रतीक को कब वह सीएम बनाएंगे. बस फिर क्या था अपर्णा की माँ अम्बी ने मंथरा का रोल अदा कर अखिलेश कि सौतेली माँ साधना को कैकेयी बना दिया.
मुलायम फंसे मझदार में
सूत्रों के मुताबिक साधना के कैकेयी बनते ही राजा दशरथ की तरह इतना बड़ा राजपाठ खड़ा करने वाले सपा मुखिया पुत्र वियोग में एक तरफ जहां भीतर ही भीतर कुंठित हुए जा रहे थे, वहीँ घर में उनके कदम रखते ही साधना अपने बेटे प्रतीक को सीएम बनाये जाने की मांग करने लगीं. घर में शुरू हुई इस घमासान में पहले से मुख्यमंत्री बनाये जाने की फ़िराक में बैठे मुलायम के छोटे भाई शिवपाल ने भी इस चिंगारी में फूंक मारकर उसे आग का रूप दे दिया. पहले तो उन्होंने अपनी भड़ास भतीजे सीएम अखिलेश कि खिलाफत कर शुरू कि और जब बात नहीं बनी तो भाभी साधना के जरिये चिंगारी को फूंक दिया. बहरहाल अब मुलायम और शिवपाल कुछ भी कर लें. लेकिन अब अखिलेश का रसूख कम होने वाला नहीं. दरअसल अपनों ने जिस अखिलेश को दूर किया उस अखिलेश को प्रदेश की जनता अब अपना बना चुकी है. ऐसे में अगर अखिलेश पार्टी छोड़कर जाते हैं तो इसका खामियाजा समाजवादी को भुगतना पडेग़ा.