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अभिव्यक्ति या अंतर्द्वंद

गीता भदौरिया

9 अध्याय
7 लोगों ने खरीदा
71 पाठक
27 जनवरी 2022 को पूर्ण की गई
ISBN : 978-81-956246-0-7
ये पुस्तक यहां भी उपलब्ध है Amazon Flipkart

समाज में कितने लोग हैं जो अपनी भावनाओं को शब्द नहीं दे पाते और मानसिक तनाव का शिकार हो जाते हैं। कुछ ऐसे भी लोग हैं जो अपनी भावनाओं के प्रति मुखर हो जाते हैं और 'तेज' का तमगा पा जाते हैं। ऐसे सभी लोगों की भावनाओं के अंतर्द्वंद को अभिव्यक्त करने का प्रयास है अभिव्यक्ति या अंतर्द्वंद 

abhivyakti ya antardwand

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बहुत ही शांत अंतर्द्वंद और सशक्त अभिव्यक्ति है। स्त्री-विमर्श पर जबरदस्त पुस्तक। शुभकामनाएं।


स्त्री विमर्श पर बेहतरीं पुस्तक। सभी कहानिया बहुत अच्छी है।


Stri-vimrsh par hrdasparshi kaahniya


पाठक गण आप इस पुस्तक को खरीद कर पड़ेगा आपको बहुत अच्छा लगेगा। गीता जी आपने बहुत ही बेहतरीन लिखा है।


Shaandaat👌👌👌

पुस्तक के भाग

1

प्रथम

22 जनवरी 2022
6
1
0

मेरे इष्टदेव श्री गणेश के वन्दनीय माता-पिता एवं मेरे आदरणीय माता-पिता श्रीमती रमा चौहान – श्री नरेंद्र प्रताप सिंह चौहान को सादर समर्पित&n

2

डिस्क्लेमर

22 जनवरी 2022
3
0
0

डिस्क्लेमर इस पुस्तक में संकलित कहानियां, स्थान, पात्र, व्यंग, संवाद आदि काल्पनिक हैं। किसी भी संभावित साम्यता का कारण एक संयोग मात्र हो सकता है, जिसके लिए लेखक जिम्मेद

3

लेखिका की बात

22 जनवरी 2022
3
0
0

लेखिका की बात विभिन्न सामाजिक परिवेशों में पलने-बढ़ने के परिणाम स्वरुप, मेरे अनुभवों ने मेरी शख्शियत को सजाया-संवारा और मेरी प्रतिभा को अनेक आयाम प्रदान किये। हालाँकि मेरे जन्म से लेकर मेरी

4

भूमिका

22 जनवरी 2022
3
0
0

भूमिका अभिव्यक्ति या अंतर्द्वंद हर व्यक्ति अपने आप में अनूठा है, उसकी भाषा, स्वभाव, मानसिक स्तर सबसे भिन्न होता है। जीवन में हमारी मुलाकात ऐसे कई व्यक्तियों से होती है जिनका सामाजिक

5

कोयले की टाल

21 दिसम्बर 2021
17
8
9

"मम्मी ! मम्मी ! तोयले ती ताल में आद लद दई!....मम्मी ! मम्मी ! तोयले ती ताल में आद लद दई! मम्मी! मम्मी!...." ढाई साल का बंटू चौके में आकर  ममता का पल्ला पकड़-पकड़ कर खींच रहा है और बार बार एक ही बा

6

मुठ्ठी भर आसमान

11 सितम्बर 2021
25
21
12

मीता के ऑफिस की आज छुट्टी है। रात को सोचकर सोई थी कि साढ़े पांच के बजाय साढ़े छै: बजे उठेगी। घड़ी देखी तो अभी केवल छै: बजे हैं। सासू मां की भी कोई आहट नहीं थी। अंगड़ाई लेकर करवट बदली तो सीधे सवा सात

7

मन का मीत - सरकारी व प्राइवेट नौकरी

27 अक्टूबर 2021
37
21
19

       "क्या है ? तुम हमेशा किसी भी नई योजना के विपक्ष में ही क्यों रहती हो? मेरी कोई बात तुम्हे समझ ही नहीं आती।  कोई भी प्लान बनाओ, तुम्हें उसकी कमियां नजर आतीं है।  तुम औरतों की बुद्धि भी ना.

8

एक पुरूष की परेशानियां

25 सितम्बर 2021
22
12
8

  "सो मिस्टर शर्मा! यू विल एकंपनी मी विद ब्रीफ एंड प्रेजेंटेशन।" निदेशक ने मीटिंग समाप्त करते हुए मुझे हिदायत दी।  "श्योर सर!" मैंने उत्तर दिया और फाइल्स समेटने लगा।   सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार क

9

अभिव्यक्ति या अंतर्द्वंद

21 जनवरी 2022
8
1
0

"पापा! देखो मेरी पेंटिंग! ...कितनी प्यारी हैं ना!!! ये ममा, ये आप, ये छोटा भैया और ये मैं!!!"परी ने एक हाथ से पापा का हाथ हिलाते हुए दुसरे हाथ में पकड़ी अपनी पैंटिंग सामने कर दी। "सिली गर्ल! यु डो

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