21 दिसम्बर 2021
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साहित्य के वृहत सागर में एक ओस की बूंद, जिसके सपने बहुत बड़े हैं और पंख छोटे। छोटे पंखों के साथ अपना आसमान खोज रही हूँ। प्रकाशित पुस्तकें: - अभिव्यक्ति या अंतर्द्वंद - 'राम वही जो सिया मन भाये' D
मासूम सवालों का जवाब किसी के पास नहीं होता और गुस्सा इंसान को किस कदर विवेक शून्य कर देता है, यह किसी से छुपा कहां रह पाता है बहुत सुन्दर
28 दिसम्बर 2021
बहुत ही मार्मिक कहानी
21 दिसम्बर 2021