महोबा : मतदान से चंद घंटे पहले मुख्यालय के बजरिया पुलिस चौकी के पास सपा-बसपा समर्थकों के बीच हुए गोलीकांड में घायल राकेश सिंह की कानपुर में उपचार के दौरान रविवार की तड़के मौत हो गई है। परिजन उसका शव लेकर कबरई पहुंच गए हैं। इसकी जानकारी मिलते ही बसपा उम्मीदवार के खेमों मे शोक की लहर दौड़ गई है। बसपा उम्मीदवार अरिमरदन सिंह के घर समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है।
शांति बनाए रखने को भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर मुस्तैद है। गौरतलब है कि 23 फरवरी को मतदान से चंद घंटे पहले करीब तीन बजे सपा उम्मीदवार सिद्धगोपाल साहू का बेटा संकेत व बसपा प्रत्याशी अरिमरदन सिंह का पुत्र हिमांचल सिंह अपने तमाम साथियों के साथ रेलवे स्टेशन के पास जकरियापीर मुहल्ला में मतदाताओं को अपने पछ में मतदान का दबाव बनाने को रुपए बांट रहे थे। इसी दौरान दोनों गुटों का आमना-सामना हो गया। लड़ते लड़ते दोनों गुट पुलिस चौकी बजरिया तक पहुंच गए और एक दूसरे पर गोली चलाने लगे।
बसपा उम्मीदवार का भांजा है मृतक राकेश
घटना में बसपा उम्मीदवार के भांजे व निर्दलीय उम्मीदवार राकेश सिंह के सिर में गोली लगी। उधर संकेत साहू भी घायल हो गया। दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते हुए एक दर्जन लोगों को आरोपी बनाया था। घायल राकेश व संकेत को उपचार के लिए कानपुर भेजा गया था, जहां रविवार की सुबह राकेश की मौत हो गई। बसपा पक्ष का आरोप है कि गोली सपा के संकेत साहू ने चलाई थी। उम्मीदवार अरिमरदन सिंह बताते है कि उनके सभी असलहे तो पहले ही जमा करा लिए गए थे।
घटना स्थल पर मौजूद एक आरोपी के मुताबिक संकेत ने रिवाल्वर से गोली चलाई और जब देखा कि राकेश के सिर में गोली लगने गई तो जानबूझ कर क्रास केश बनाने के खुद के पैर में गोली मार ली। कुल मिला कर दोनों गुटों मे भारी तनाव बरकरार है आगे कोई हादसा होने की आशंका से पुलिस व प्रशासन भी सतर्क है। एसपी गौरव सिंह ने एसओ कबरई को दोनों गुटों पर सतर्क निगाह रखने की हिदायत दी है। मृतक राकेश व अरिमरदन सिंह के आवास के आसपास भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।