चाँदनी रातनैनकी नैन से हो रही बात है ।प्रियन जाओ अभी चांदनी रात है ॥बावरीहूँ विरह में तुम्हारे पिया ।आपकेप्यार की मैं दुखारी पिया ।आसहो तुम हमारी हो विश्वास तुम ।मेरेजीवन की कन्ते हर इक सांस तुम ।तेरेहाथों अब तो मेरा हाथ है ।प्रियन जाओ अभी चांदनी रात है ॥प्राणप्रियमैं तुम्हारी हूँ अर्धांगिनी ।