नई दिल्ली : यूपी में रियल स्टेट का धंधा करने वाले बिल्डरों ने मोदी की कालेधन पर हुई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से अपने खजाने में भरे ब्लैक मनी को वाइट करने का नया धंधा शुरू कर दिया है. जिसके चलते फ्लैट ख़रीदने के लिए आवेदकों से अंधी कमाई करने वाले बिल्डरों ने अब अपनी लेबर के जरिये अपने काले धन को सफ़ेद करने के लिए उन्हें बैंकों में लगी कतारों में दिहाड़ी देकर खड़ा कराना शुरू कर दिया है.
आवंटी का 1 लाख बिल्डर के लिए 60 हजार के बराबर
सूत्रों के मुताबिक लोगों के बिल्डरों की विभिन्न योजनाओं में फ्लैट लेने के लिए पंजीकरण कराने वाले बिल्डरों को अगर 1 लाख रुपये उनके कहते में जमा किये हैं तो उसकी कीमत बिल्डर के लिए 60 हजार रुपये है. इकोनॉमिक्स टाइम्स में छपी एक खबर के मुताबिक यूपी के अधिकांश बिल्डर अपना कालाधन सफ़ेद करने के लिए इन दिनों काम थप होने के कारण उनको दिहाड़ी मजदूरी देकर अपने कालेधन को सफ़ेद करने में लगे हैं.
लेबर खड़ी लाइन में हो रहा है कालाधन सफ़ेद
दरअसल बिल्डर के पास अगर 100 मजदूर हैं. तो उनके पास काम करने वाले कर्मचारी 100 फार्म बैंक से लेकर आ रहे हैं और उनको भरकर अपनी लेबर को आईडी के साथ लाइन में 4000 रुपये देकर खड़ा करा रहे हैं. जिसके एवज में वो अपनी लेबर को रोजाना दी जाने वाली दिहाड़ी का भुगतान कर रहे हैं. अख़बार में छपी खबर के मुताबिक इस तरह से कई बड़े बिल्डरों ने अपने कालेधन को सफ़ेद कर लिया है.
ब्लैक मनी को ठिकाने लगाने में लगे बिल्डर
सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी की कालेधन पर की गयी गयी सर्जिकल स्ट्राइक के बाद लोगों को दी गयी मोहलत का सबसे अधिक लाभ बिल्डर उठा रहे है. बताया जाता है कि उनके पास खली पड़ी भरी भरकम लेबर को इस काम में लगाकर अपनी ब्लैक मनी को वाइट करने का जबरदस्त गोरखधंधा सूबे की राजधानी लखनऊ से लेकर बरेली, इलाहाबाद, गाज़ियाबाद और नोएडा समेत पूरे राज्य में चल रहा है.